दुर्गेश पाठक की खुली पोल, दुर्गेश पाठक ने प्रेस कॉन्फेंस के जिरिए बोले कई झूठ.
1. जिन अधिकारी का नाम वह अरूण बंसल बता रहे हैं उनका नाम अजय बंसल है.
2. दुर्गेश पाठक ने प्रेस कॉन्फेंस में बोला की अजय बंसल को 26 जुलाई 2019 बहाल कर दिया गया. जबकि वह 26 सितंबर को बहाल किए गए.
3. दुर्गेश पाठक ने कहा कि अजय बंसल को 30 जुलाई 2019 को कार्यमुक्त किया गया. लेकिन 07 अक्टूबर 2019 के ऑर्डर के अनुसार अजय बंसल को 30 सितंबर 2019 को कार्यमुक्त किया गया.
नवीन कुमार, सत्यकेतन समाचार। आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फेंस कर निगम पर डेंगू की दवा खरीद में घोटाले का आरोप लगाया था. दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि मनमाने तरीके से दवा खरीद के कागजात पर साइन कराने के लिए निगम ने एक ऐसे अधिकारी को प्रमोट किया.
पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दुर्गेश पाठक ने दवा खरीद से जुड़े कुछ कागजात दिखाते हुए कहा कि इसमें जिस एडिशनल एमएचओ डॉ. अशोक रावत का सिग्नेचर है, वो दरअसल करोलबाग जिले के डीएचओ हुआ करते थे. उस समय आदेश गुप्ता उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर थे. दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि जब दवा खरीद की फाइल पर तत्कालीन एमएचओ (मेडिकल हेल्थ ऑफिसर) अरुण बंसल ने साइन करने से इनकार कर दिया, तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.
दुर्गेश पाठक ने कहा कि अरुण बंसल 3 जुलाई 2019 को सस्पेंड किए गए और फिर डॉ. अशोक रावत डीएचओ (डिस्ट्रिक्ट हेल्थ ऑफिसर) से सीधे एडिशनल एमएचओ बना दिए गए. दुर्गेश पाठक ने कहा कि 25 जुलाई 2019 को डॉ. अशोक रावत ने उस फाइल पर साइन किया और 26 जुलाई 2019 को अरुण बंसल फिर से बहाल कर दिए गए. जबकि वे 30 जुलाई 2019 को रिटायर हो गए और तब से अब तक डॉ. अशोक रावत ही एमएचओ हैं. इस मामले में सबसे बड़ी बात यह कि दुर्गेश पाठक जिन अरूण बंसल का नाम बता रहे हैं वह नाम अरूण बंसल नहीं अजय बंसल है.
वहीं, इस बाबत डॉ. अशोक रावत ने सत्यकेतन समाचार से बात करते हुए बताया की निगम प्रभारी द्वारा लगाए गए आरोप झूठें हैं. उन्होंने बताया कि निगम द्वारा खरीद की गई दवा एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड द्वारा ही खरीद की गई है जोकि भारत सरकार की ही एक संस्था है और निगम कई सालों से एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड से दवा लेता आ रहा है.
उन्होंने बताया कि अजय बंसल 3 जुलाई 2019 को सस्पेंड जरूर हुए थे. लेकिन फाइल पर साइन करने के चलते नहीं बल्कि उन्हें सस्पेंड डॉ. प्रमोद कुमार वर्मा का प्रमोशन के लिए एक नकली ऑर्डर निकालने के लिए किया गया था.
उन्होंने बताया कि दुर्गेश पाठक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो दावा किया कि 26 जुलाई 2019 को अजय बंसल फिर से बहाल कर दिए गए. और 30 जुलाई को रिटायर हो गए. जबकि डॉ. अजय बंसल को 26 जुलाई 2019 की जगह 26 सितंबर 2019 को बहाल किया गया था. जिसकी स्वीकृति 07 अक्टूबर 2019 को दी गई. जिसका ऑर्डर नं. 1671 है.
दुर्गेश पाठक ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि अरूण बंसल (अजय बंसल) 30 जुलाई को रिटायर हो गए थे. वहीं, निगम ने अपनी गलती छुपाते हुए. निगम की ओर से 07 अक्टूबर 2019 को एक ऑर्डर निकाला गया. जिसमें डॉ. अजय बंसल की कार्यमुक्ति की तिथि 30 सितंबर दिखाई गई है. जिसका ऑर्डर नं. 1675 है. दरअसल अजय बंसल के बहाल होने के बाद उन्होंने सीडी (केंद्रीय संस्थापना विभाग) में रिपोर्ट किया और वहीं से वह रिटायर किए गए.
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक और आप के नेता विपक्ष विकास गोयल अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. बेबुनियादी आरोप लगाकर निगम में व्यक्तिगत छवि को हानि पहुंचाने के साथ-साथ काम करने में बाधा डाल रहे हैं.