निरंकारी यूथ सिम्पोजियम पंचकुला में हुआ सम्पन्न

निरंकारी यूथ सिम्पोजियम पंचकुला में हुआ सम्पन्न

पंचकुला। पंजाब व चंडीगढ़ के निरंकारी यूथ सिम्पोजियम का समापन पंचकुला के सेक्टर -5 स्थित शालीमार ग्राउंड में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज ने सभी निरंकारी युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सत्संग, सेवा और सुमिरण यह केवल 3 शब्द बनकर न रह जाए। इसे हम हमारी रोज़मर्रा कि जिंदगी में ऐसे बसा ले कि हमारा हर पल आनन्द की अवस्था में गुजरे। हम सब इस एक निरंकार प्रभु परमात्मा के हो रहे हैं। हमारा ध्येय केवल इस निराकार प्रभु परमात्मा से आत्मसार हो जाना ही हो जिससे ब्रह्मज्ञान हमारे मन में इस प्रकार से बस जाए कि वह हमारी सोच व जीवन में भी उतर सके।

Nirankari Youth Symposium
Nirankari Youth Symposium

सद्गुरु माता ने आगे फरमाया कि इन तीन दिनों में जिसमें पहले दिन खेल व अन्य दो दिन यूथ सिम्पोजियम के माध्यम से जहां पर सभी जन एकत्रित हुए और अपनी-अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया जिससे यहीं भाव निकलता है कि हमने व्यक्तिगत तौर पर ही श्रेष्ठ नहीं बनना, अपितु अपने बुजुर्गों के मार्गदर्शन व उनकी शिक्षाओं का सानिध्य लेकर जीवन को जीना है।

निरंकारी यूथ सिम्पोजियम के दूसरे दिन तीन तत्वों वायु, आकाश व जीव को विभिन्न कलाओं व संवाद के सहयोग से दर्शाया गया जिसमें बाबा हरदेव सिंह जी के विचार ‘‘नफरत करने वाले से ईष्या न करें, बल्कि जिनके लिए भी नफरत के भाव मन में पनपते हैं, उनकी सूची बनाकर उसे समाप्त करने पर बल देना है।

Nirankari Youth Symposium

 

यह विचार भी उभरकर आया कि आज पदार्थों की अंधी दौड़ में हमारी जीवन यात्रा प्रभु परमात्मा की ओर जाने की बजाए सांसारिक पदार्थों की और जा रही है। अपनी ज़रूरतों को पूरा करने में कहीं हम प्रभु भक्ति से दूर न हो जाएं, जिसके लिए हमें यह मनुष्य जीवन प्राप्त हुआ है। दुनियावी कार्य करते हुए भी प्रभु सुमिरण में एकमिक होकर सत्संग, सेवा व सुमिरण को प्राथमिकता दें। गाँधी जी के सिद्धांतों का भी उल्लेख हुआ जिसमें ‘‘बुरा न देखें, बुरा न कहें व बुरा न सुने‘‘ पर ज़िक्र हुआ और इन सबमें सबसे अधिक ज़ोर दिया कि ‘‘बुरा न सोचें।“ जब सोच अच्छी होगी तो ऐसा कोई कर्म ही नहीं हो पायेगा।

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