एनसीपीई के 21 साल पूरे, शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। नोएडा कालेज ऑफ फिजिकल एजूकेशन (एनसीपीई) ने अपने स्थापना के बेहतरीन 21 वर्ष पूरे कर लिए हैं। कॉलेज ने अपने इस 21 वर्ष के सफर में शारीरिक शिक्षा तथा खेलकूद के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खास पहचान बनाने में सफलता हाशिल की। एनसीपीई संस्थान में खेलों की एक लम्बी और गौरवपूर्ण परंपरा रही है, जिसमें उत्कृष्टता का स्तर अपने उच्च शैक्षणिक तथा खेलकूद के मानक से मेल खाता है।

21वें स्थापना दिवस के अवसर पर नोएडा कालेज ऑफ फिजिकल एजूकेशन के चेयमैन डॉ. सुशील कुमार राजपूत ने बताया कि कालेज को चार अर्जुन अवार्ड का श्रेय जाता है जो कि भारत सरकार द्वारा खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। एक राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार विजेता (खेल के क्षेत्र में सबसे शानदार और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए), एक ध्यानचन्द पुरस्कार विजेता (खेल में जीवन भर की उपलब्धि के लिए), एक संकाय सदस्य को द्रोणाचार्य पुरस्कार (यह पुरस्कार खेलों में प्रतिष्ठित प्रशिक्षकों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है जिन्होंने खेल, खिलाड़ी या टीम को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया हो और उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने में समक्ष बनाया हो)। दो पद्मश्री जिसमें एक छात्र और एक संकाय सदस्य (किसी भी क्षेत्र में विषिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है)।

सुशील कुमार ने 2008 बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक, 2012 लंदन ओलम्पिक में रजत पदक प्राप्त किया। यह एक ऐसे व्यक्तित्व के खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो व्यक्तिगत ओलम्पिक पदक प्राप्त किये। सुशील कुमार ने काॅमनवैल्थ गेम्स 2010 नई दिल्ली में स्वर्ण पदक, 2014 ग्लास्गो में स्वर्ण पदक एवं 2018 गोल्डकोस्ट में स्वर्ण पदक प्राप्त किया और 2010 मास्को विष्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। एशियन खेल 2006 दोहा में कांस्य पदक प्राप्त किया तथा 4 पदक के साथ एशियाई चैम्पियनशिप 2003 नई दिल्ली में कांस्य पदक, 2007 बिस्केक में सिल्वर पदक, 2008 जेजू आईसलैंड में कांस्य पदक तथा 2010 नई दिल्ली में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उन्होंने राष्ट्रमण्डलीय चैम्पियशिप 2003 लंदन, यूके में स्वर्ण पदक, 2005 केपटाउन में स्वर्ण पदक, 2007 लंदन में स्वर्ण पदक, 2009 जालंधर, भारत में स्वर्ण पदक, और 2017 जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

भारतीय महिला पहलवान अलका तोमर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप 2006 चीन के ग्वांगझू में 59 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त किया, राष्ट्रमण्डल खेल 2010 नई दिल्ली में स्वर्ण पदक, एशियाई खेल 2006 दोहा में कांस्य पदक, एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप 2003 नई दिल्ली में कांस्य पदक, 2005 वुहान में रजत पदक, 2009 पटाया में कांस्य पदक तथा 2010 नई दिल्ली में कांस्य पदक प्राप्त किया। और राष्ट्रमण्डलीय कुश्ती चैम्पियनशिप 2003 लंदन में रजत पदक, 2005 कैपटाउन में स्वर्ण पदक, 2009 जालंधर में स्वर्ण पदक तथा 2011 मेलबोर्न में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

सुनील डबास, पूर्व संकाय सदस्य, एकमात्र महिला जो एशिया में अग्रणी कबड्डी कोच हैं। वह एकमात्र महिला कोच हैं जिन्हें 2012 में द्रोणाचार्य पुरस्कार और 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

भारतीय तीरंदाज सत्यदेव प्रसाद 2004 एथेंस ओलम्पिक में 11वें स्थान के भारतीय पुरुष तीरंदाजी टीम के सदस्य बने। उन्होंने मलेशिया में आयोजित एशियाई टीम चैम्पियनषिप में कांस्य पदक प्राप्त किया। रोम विश्वचैम्पियनशिप 1999, बीजिंग विश्वचैम्पियनशिप 2001 और न्यूयार्क विश्वचैम्पियनशिप 2003 में भाग लिया। तीरंदाजी में सत्यदेव प्रसाद को 2018 में दयानंद पुरुस्कार मिला।

फ्री स्टाइल महिला पहलवान दिव्या काकरान ने दिल्ली राज्य चैम्पियशिप में 17 स्वर्ण पदक सहित 60 पदक प्राप्त किये हैं और 8 बार भारत केसरी का खिताब जीता है। दिव्या काकरान ने राष्ट्रमडंल खेल 2018 गोल्डकोस्ट में कांस्य पदक, एशियाई खेल 2018 जकार्ता में कांस्य पदक, एशियाई चैम्पियनशिप 2017 नई दिल्ली में रजत पदक, 2019 सिआंग में कांस्य पदक तथा 2020 नई दिल्ली में स्वर्ण पदक प्राप्त किया तथा कामनवेल्थ चैम्पियनशिप 2017 जहॉनसवर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुये भारत सरकार ने इन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया।

भारतीय महिला पहलवान नेहा राठी 10 सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लिया और 35 बार से अधिक विभिन्न स्तरों पर अन्तर्राष्ट्रीय सर्किट पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। एशियाई चैम्पियनशिप 2008 दक्षिण कोरिया में कांस्य पदक प्राप्त किया। भारत सरकार द्वारा 2013 में अर्जुन अवार्ड प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त 2005 में भीम अवार्ड, भारत कुमारी, भारत केसरी तथा हरियाणा कुमारी से सम्मानित किया गया।