संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के 11वें दिन लोकसभा में दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक पेश किया गया। चर्चा के बाद सदन ने इस विधेयक को पास कर दिया गया। इस दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सरकार पर तीनों नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने तीनों एमसीडी के साथ सौतेला व्यवहार किया है। दिल्ली सरकार के इस व्यवहार के कारण सारे नगर निगमों के पास दायित्वों का निर्वहन करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपल्बध नहीं हो पाते।
उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक सदन में लाया गया है। ये तीनों एमसीडी को एक एमसीडी में बदल देगा। संसाधन और सहकारितावादी और सामरिक योजना की दृष्टि से एक ही निगम अगर पूरी दिल्ली की सिविक सेवाओं का ध्यान रखेगा तो बेहतर होगा। इससे सभी दिल्ली वासियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
इस बिल में सफाई कर्मचारियों को 14 दिनों का नोटिस देकर हटाने का जो प्रावधान है उसे खत्म कर सभी सफाई कर्मचारियों को परमानेंट किए जाने की बात भी कही गई है। केंद्र सरकार का कहना है कि तीनों निगमों को अब सीधे केंद्र सरकार से फंड मिलेगा और शहर का विकास होगा। इस संशोधन बिल के तहत 1957 के मूल अधिनियम में भी कुछ और संशोधनों को मंजूरी दी गई है।
शाह ने कहा कि एकीकृत निगम होने से एक मेयर होगा, 25 समितियां होंगी, एक आयुक्त होंगे तथा निर्णयों में एकरूपता रहेगी। उन्होंने कहा कि एक ही शहर में कर के दो प्रकार के ढांचे नहीं रहेंगे, वित्तीय स्थिति ठीक रहेगी और सालाना लगभग 150 करोड़ रुपये बच सकेंगे। जिसके बाद माना जा रहा है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव होने में लगभग 6 महीनों का समय लग सकता है।