Madhya Pradesh: बीजेपी विधायक दल के नेता शिवराज सिंह चौहान को मिलेगी MP की कमान

Madhya Pradesh: बीजेपी विधायक दल के नेता शिवराज सिंह चौहान को मिलेगी MP की कमान

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश की कमान एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान के हाथों में जा सकती है. सूत्रों से खबर है कि शिवराज सिंह चौहान को आज विधायक दल का नाम चुन लिया जाएगा. विधायक दल की इस बैठक की निगरानी ऑब्जर्वर दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे.

वहीं मध्य प्रदेश में सियासी घमासान के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है. इसके साथ ही राजभवन ने मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए रात 9 बजे का वक्त दिया है. रात 9 बजे मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जाएगी.

इसके बाद शिवराज सिंह चौहान आज शाम चौथीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. कोरोना वायरस के कारण शपथ ग्रहण सादगी के साथ होगा. राजभवन के भीतर शपथ की तैयारी शुरू हो गई है. उनके साथ मिनी कैबिनेट भी शपथ ले सकती है. माना जा रहा है कि इस शपथ ग्रहण में कम ही लोग हिस्सा लेंगे.

चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे शिवराज

शिवराज सिंह चौहान अगर आज सीएम पद की शपथ लेते हैं तो वह चौथीं बार मध्य प्रदेश की कमान संभालेंगे. पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद वह 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने. 8 दिसंबर 2013 को शिवराज ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी.

क्यों गिरी थी कमलनाथ सरकार

Madhya Pradesh: हाल में ही मध्य प्रदेश से कमलनाथ सरकार की विदाई हुई है. दरअसल कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इसमें 6 मंत्री शामिल थे. स्पीकर ने मंत्रियों का इस्तीफा कबूल कर लिया था, लेकिन 16 विधायकों का इस्तीफा कबूल नहीं किया था. विधायकों के इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी, लेकिन फ्लोर टेस्ट कराने की बजाए सदन को स्थगित कर दिया गया था.

SC के आदेश के बाद कमलनाथ का इस्तीफा

इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया. आदेश के बाद स्पीकर ने सभी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर किया और फ्लोर टेस्ट पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

सिंधिया ने बिगाड़ा कमलनाथ का खेल

Madhya Pradesh: कमलनाथ सरकार पर संकट के बाद उस दिन से मंडराने लगे थे, जब कांग्रेस पार्टी से कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का मोहभंग हो गया. सिंधिया के करीबी विधायक बेंगलुरु चले गए और सिंधिया दिल्ली आए. फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इसके बाद सिंधिया ने बीजेपी ज्वॉइन कर लिया.

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