सत्यकेतन समाचार, नई दिल्ली: ये साल का तीसरा उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) है जो गुरु पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। लेकिन भारत में ये ग्रहण दिखाई नहीं देगा। जिस कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ग्रहण एशिया के कुछ इलाकों अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। लोग लगभग पौने तीन घंटे तक ग्रहण के खूबसूरत नजारे के देख पाएंगे। भारतवासी ग्रहण को ऑनलाइन देख पाएंगे।
ग्रहण का क्या रहेगा समय ? भारतीय समयानुसार ग्रहण दिन के समय में लग रहा है। जिसकी शुरुआत 5 जुलाई की सुबह 8.38 बजे से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 11.21 PM पर होगी। सुबह 09.59 बजे ग्रहण अपने पूर्ण प्रभाव में रहेगा। सूतक काल नहीं लगेगा। जिस कारण किसी भी तरह के कार्य वर्जित नहीं रहेंगे। अगला चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा।
क्या होता है चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) ? हर साल में ग्रहण लगता है। इनकी संख्या कम से कम 4 और अधिकतम 6 होती है। साल 2020 में कुल 6 ग्रहण हैं। जिनमें से 3 ग्रहण पहले ही लग चुके हैं। ग्रहण एक खगोलीय घटना है। चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) तब होता है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है। वहीं जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आता है तब सूर्य ग्रहण लगता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या और चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन लगता है।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव: ज्योतिष अनुसार एक महीने के अंतराल में तीन ग्रहण पड़ना शुभ नहीं माना जाता। वहीं 5 जून से 5 जुलाई के बीच में ये तीसरा ग्रहण लगने जा रहा है। माना जा रहा है कि इसके प्रभावों से प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। महंगाई की मार लोगों को झेलनी पड़ सकती है। बड़े देशों के बीच दुश्मनी बढ़ने के आसार हैं।