Ladakh border: कैसे बिगड़े लद्दाख की सीमा पर हालत

Ladakh border: कैसे बिगड़े लद्दाख की सीमा पर हालत

Ladakh border: how the situation on the border of Ladakh deteriorated
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Ladakh border सत्यकेतन समाचार : लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर 6 जून को हुई बातचीत में भारत और चीन के बीच समझौता हुआ कि गलवान नदी के पास चीन ने जो कैम्प बनाए हैं उन्हें वहां से हटा लिया जाएगा. यह कैंप बलवान नदी के पूर्वी तरफ बना हुआ था. चीन ने टेंपरेरी टेंट तैयार किए थे. यह टेंट चीनी सैनिकों के रहने और लॉजिस्टिक सपोर्ट का कार्य कर रहा था.

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क्या हुआ था  15 जून को

शाम को 4:00 से 5:00 बजे के बीच बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू ने चीन के कमांडिंग ऑफिसर से समझौते का पालन करने को कहा और गलवान नदी के पास जगह को खाली करने को कहा. इस पर चीनी सेना का बर्ताव बहुत ही आक्रामक था. उन्होंने फौरन भारी संख्या में हमला बोल दिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसमें 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर गंभीर रूप से घायल हो गए. कमांडिंग ऑफिसर के साथ लोगों ने उन्हें वहां से बचाकर निकाला और इलाज के लिए बेस कैंप ले गए. वहां मौजूद भारतीय जवान चीनी सैनिकों का लगातार मुकाबला करते रहे. कुछ और भारतीय सैनिक अपने लोगों की सहायता के लिए घटना स्थल पर पहुंचे. चीनी सैनिक भी वहां पर बड़ी संख्या में जमा हो गए. दोनों तरफ जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई जो आधी रात तक चलती रही.

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इस झड़प के दौरान जमकर पत्थरबाजी हुई और धक्का-मुक्की हुई. वहां पर जगह कम होने के चलते और तीखे पहाड़ों पर फिसलन के चलते कई जवान नाली में गिर गए और गलवान नदी में भी गिर गए.

इस झड़प में कई जवान घायल हो गए कुछ जवान पहाड़ के चलते फिसलकर गिर गए जिससे उन्हें चोटें आईं. गलवान नदी में गिरने के कारण कई जवान हाइपोथर्मिया के शिकार हो गए क्योंकि नदी का पानी ठंड से बिल्कुल जमा हुआ था. सेना ने गलवान नदी में तलाशी अभियान चलाकर जवानों को बाहर निकाला और पास के मेडिकल फैसिलिटी तक ले गए. उनमें से कई जवानो को वहां से लाने से पहले ही मौत हो चुकी थी.

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