शुद्ध मनोभाव से किया गया कुंडली बाचन ही फलदायी: आचार्य अमरजीत

Kundali Bachchan done with pure emotion is fruitful: Acharya Amarjeet
आचार्य अमरजीत

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों और आशंकाओं को दूर करने के लिए अकसर हमें ज्योतिषीय सलाह की जरूरत होती है। सही ज्योतिषीय सलाह से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है तो मिथ्यापूर्ण सलाह के गलत परिणाम भी हो सकते हैं। इस संदर्भ में यदि आप बाजार के ट्रेंड पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि दस से पन्द्रह दिनों का कोर्स कराकर ज्योतिष बनाने वाले हजारों संस्थान संचालित किए जा रहे हैं, जो साफ्टवेयर की सहायता से कुंडली का आंकलन करते हैं, जबकि ज्योतिष भी एक विद्या है एक शास्त्र है, जिसकी वर्षों तक साधना करनी पड़ती है।

लॉकडाउन की अनिश्चिता और भविष्य की शंका के बीच घर पर बैठे लोगों ने सबसे अधिक ज्योतिषाचार्यों को गूगल पर सर्च किया है। हमारे पास जिन लोगों के फोन आते हैं, उनमें अधिकांश डरे हुए या गलत जानकारी के शिकार हुए होते हैं।

  •  डिजिटल युग में सॉफ्टवेयर की मदद से बाँची गई कुंडली पूरी तरह सिद्ध नहीं

एक साधारण व्यक्ति की कुंडली के कई भाग होते हैं, लग्न, चन्द्र, नवमांश आदि 18 भागों और उनके सैंकड़ों गणितीय सूत्र परम्यूटेशन- कांबिनेशन (क्रम परिवर्तन और संयोजन) की गणना के आधार पर कुंडली का आंकलन किया जाता है। कुंडली में उपस्थित सभी ग्रहों के क्रम परिवर्तन और संयोजन के आंकलन के माध्यम से ही कुंडली देखी जानी चाहिए, और इस तरह से कुंडली बांचने के लिए एक व्यक्ति की कुंडली देखने में कम से कम एक से दो घंटे या इससे भी अधिक का समय लग सकता है। साफ्टवेयर द्वारा दस से पन्द्रह मिनट में किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखी तो जा सकती है, लेकिन कुंडली देखने का यह आधार अधूरा है।

  • गारंटीड एस्ट्रोलॉजर के ज्योतिषचार्य हैं आचार्य अमरजीत सिंह, 8726977007 पर लें परामर्श

यह पूरी विद्या उर्जा हस्तांतरण या एनर्जी एक्सचेंज पर आधारित है। जो इस विद्या पर लंबे समय से साधना करते हैं, उन्हें कुंडली बांचने के लिए अपनी समस्त सक्रिय कुंडलिनियों को जागृत करना पड़ता है। उर्जा का यह हस्तांतरण तब ही फलदायी होता है, जबकि उसके पीछे के मनोभाव शुद्ध हों। गुरू का दर्जा देने वाले जातक से अनुचित तरीके से धन उगाहना, उसे पगभ्रमित करना, अधूरे ज्ञान के आधार पर गणना करना आदि का ज्योतिषाचार्यों  के जीवन पर भी नकारात्मक असर पड़ता है, इसलिए वह अपने जीवन में भी नाना प्रकार के दुखों से परेशान रहते हैं। शुद्ध मनोभाव से ईष्ट बल की सहायता से किया गया कुंडली बाचन ही श्रेष्ठ कहलाता है।

ईष्ट बल (डिवाइन उर्जा) के मार्गदर्शन के माध्यम से ही जातक की कुंडली के सभी पहलूओं को देख सकते हैं। विद्या के बदले दिए गए अनुदान को फीस नहीं, दक्षिणा या एनर्जी एक्सचेंज कहा जाता है। इस विद्या का प्रयोग हमेशा सेवाभाव से ही किया जाना चाहिए। डिजीटल युग में सही ज्योतिषाचार्य की पहचान करना काफी चुनौती पूर्ण हो गया है। लोग आजकल साफ्टवेयर से कुंडली पढ़ रहे हैं, लेकिन साफ्टवेयर से प्राप्त गोचर की ज्योतिषीय गणना का सही प्रयोग तब ही किया जा सकता है जबकि गोचर को गणितीय आधार पर पढ़ने की सिद्धि प्राप्त हो। कुंडली के प्रत्येक भाग का ज्ञान और उनके क्रम परिवर्तन और संयोजन की गणना के आधार पर आंकलन निकाला जाता है। जिसके बाद लाइफ गाइडेंस रिपोर्ट तैयार की जाती है। एक सही ज्योतिषाचार्य गुरू एक बार में ही जातक की अधिकांश समस्याओं का हल कर जीवन के लिए मार्गदर्शन करता है।

21 वीं सदी में भी भारत के साठ प्रतिशत लोग दिन की शुरूआत पूजा-पाठ के बाद दैनिक राशिफल देखकर ही करते हैं। 12 राशियों के राशिफल, संभव ही नहीं कि वह हर किसी व्यक्ति के लिए सटीक हों। कुंडली एक नितांत व्यक्तिगत विषय है। जिस तरह दुनिया में एक चेहरे से मिलते जुलते तो कुछ लोग मिल सकते हैं, लेकिन सभी का डीएनए, फिंगर प्रिंट आदि अलग होगा।  इसी तरह सबकी कुंडली भी अलग होती है, और उसकी गणना भी। इसलिए सामान्य दैनिक राशिफल के आधार दिनचर्या तय करना शत प्रतिशत सही नहीं कहा जा सकता।

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