छोटे टैंट व्यापारियों को बबार्द करने मे जुटी केजरीवाल सरकार

छोटे टैंट व्यापारियों को बबार्द करने मे जुटी केजरीवाल सरकार

  • टैंट व्यापारियों ने उपराज्यपाल व सरकार से लगाई गुहार
  • राजस्व विभाग ने खिलाड़ी टैंट कारोबारियों के साथ मिलीभगत कर तैयार किया टैंडर

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। आम आदमी के नाम पर दिल्ली में अपनी सरकार बनाने वाली अरविंद केजरीवाल सरकार राजधानी में बडे सरमायेदार खिलाड़ी टैंट व्यापारियों पर पूरी तरह से मेहरबान है और छोटे व्यापारियों को बरबाद करने मे जुटी है. यह आरोप फैडरेशन ऑफ दिल्ली शामियाना डीलर्स एसोसिएशन ने लगाया है.

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एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद खुराना व महासचिव पंकज शौकीन ने कहा कि हाल ही में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ओर से जारी टेंडर से साफ लगता है कि सरकार ने दिल्ली में छोटे टैन्ट कारोबारियों को पूरी तरह से घर बैठाने का मन बना लिया है. सरकार के राजस्व विभाग की ओर से गत जून माह में एक टेंडर जारी किया गया है राजधानी दिल्ली में होने वाले बड़े कार्यक्रमों जिनमें सरकार की भूमिका रहती है उनमें टैंट, पंडाल आदि लगाने के लिए अब टैंट कारोबारी को अलग अलग टेंडर नहीं भरना होगा. अब पूरे एक साल के लिए सभी कार्यक्रमों के लिए एक ही टेंडर जारी किया जाएगा. जिस कारोबारी को यह टेंडर मिलेगा वहीं सालभर में होने वाले कार्यक्रमों की व्यवस्था करेगा.

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बता दें कि सरकार ने इस टेंडर को पाने के लिए अनुमानित खर्च 44 करोड़ 50 लाख रुपए रखा है. अरनेस्ट मनी के रूप में 89 लाख रुपए तथा परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के रूप में 2 करोड़ 22 लाख 50 हजार रुपए टेंडर प्राप्तकर्ता को पूर्व में जमा कराने होंगे.

फैडरेशन अध्यक्ष विनोद खुराना व महासचिव पंकज शौकीन के मुताबिक सरकार की ओर से यह टेंडर इसी साल फरवरी में लाया गया था टेंडर जारी होने व इसके आवंटन की प्रक्रिया मार्च-अप्रैल में पूरी होनी थी लेकिन कोरोना संक्रमण व लॉकडाऊन के चलते व फैडरेशन द्वारा टैंडर को लेकर सरकार से पत्र व्यवहार किए जाने के चलते प्रक्रिया बीच में ही रुक गई.

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हालांकि इस टेंडर प्रक्रिया के शुरुआत में ही फैडरेशन ने अपनी आपत्ति जताई थी और टेंडर प्रक्रिया का सरलीकरण किए जाने तथा इसमें छोटे टैंट व्यपारियों को भी शामिल किए जाने की मांग की थी.

विनोद खुराना व पंकज शौकीन ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर कुछ खिलाड़ी बड़े टैंट कारोबारियों ने ऐसा टैंडर तैयार कराया ताकि इस टैंडर को प्राप्त करने में छोटे व्यापारी शामिल न हो सके. एक तरह से यह टैंडर घपला है इसकी जांच सीबीआई से की जानी चाहिए और इसमें शामिल अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाई की जाए. जांच होने तक इस टैंडर को रद्द किया जाए जो वीरवार को जारी किया जाना है.

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पंकज शौकीन ने बताया कि राजस्व विभाग अधिकारियों व खिलाड़ी टैंट व्यापारियों की ऐसी मंशा का पता चलने के बाद फैडरेशन प्रतिनिधि उपराज्यपाल अनिल बैजल, दिल्ली के उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजस्व मंत्री कैलाश गहलौत आदि से अलग – अलग मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपे है जिनमें मांग की गई है कि टेंडर को पूरी दिल्ली के लिए सात जिलों या विधानसभा के हिसाब से बराबर बांटा जाए. टेंडर प्रक्रिया को सरल किया जाए ताकि इसमें छोटे व्यापारी भी भाग ले सके. टेंडर में जमा राशि, टर्नओवर की दरों को कम किया जाए. उक्त सुझाव या मांग पूरी होने से कोरोना महामारी के चलते नुकसान में चल रहे छोटे टैंट व्यापारियों को भी रोजगार मुहैया हो सकेगा. साथ ही टैंडर प्राप्त करने की प्रक्रिया में स्वस्थ प्रतियोगिता होगी.इससे सरकार के राजस्व मे करीब 20 से 25 प्रतिशत राशि की भी बचत होगी. इस राशि का उपयोग सरकार दूसरे सामाजिक कार्यों में कर सकेगी.

विनोद खुराना व पंकज शौकीन ने कहा कि पूरी दिल्ली में करीब 5700 टैंट कारोबारी है इस व्यवसाय में उनके साथ लाखों लोग जुड़े है जो कोरोना के चलते फिलहाल बेरोजगार है और घरों में बैठे है. राजस्व विभाग की ओर से तैयार वर्तमान टैंडर रदद् होगा और नया सरल टैंडर जारी होगा तो उसमे छोटे टैंट कारोबारियों को जुड़ने का मौका मिलेगा. और उन्हें रोजगार मिलेगा.

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