नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बदहाल आर्थिक स्थिति के लिए जिम्मेदार दिल्ली की केजरीवाल सरकार है, इसके पीछे सरकार की मंषा निगम को आर्थिक रूप से पंगु बनाने की है। निगम को आर्थिक संकट उबारने तथा अपने हक का पैसा लेने के लिए यदि हमें मुख्यमंत्री के यहां धरना भी देना पड़े तो इसके लिए हम तैयार हैं। सरकार की ओर से निगम की विभिन्न मदों (स्वास्थ्य, उद्यान, समुदायिक सेवाएं, सड़कें एवं पुल आदि) में बजट राशि शून्य कर दिए जाने के चलते निगम अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने में असमर्थ है।
- केजरीवाल सरकार की निगम को अर्थिक रूप से पंगु बनाने की साजिश- मुकेश गोयल
मंगलवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आम सभा में कांग्रेस दल के नेता एवं वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने दिल्ली सरकार की गलत नीतियों व राजनैतिक द्वेश के चलते निगम को केन्द्र से मिलने वाली राशि से उसके हक का पैसा न देने तथा विभिन्न मदों में निगम को दी जाने वाली राशि शून्य किए जाने पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान केजरीवाल सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी के चलते निगम में स्थिति विस्फोटक हो गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के सौतले व्यवहार और निगम में सत्तारूढ़ भाजपा की गलत नीतियों के कारण आज नगर निगम दिवालिया घोषित होने के कगार पर है। वित्तीय संकट के चलते जहां निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी धन नहीं है वहीं निगम की विकास योजनाएं धन के अभाव में रूकी पड़ी हैं।
- आयुक्त को निर्देश, सरकार से पैसा वसूलने के लिए उठाये जरूरी कदम
मुकेश गोयल ने कहा कि वर्तमान में निगम की आर्थिक स्थिति काफी बद्दतर हो चुकी है। आम आदमी पार्टी और भाजपा की बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई का खामियाजा नगर निगम को भुगतना पड़ रहा है दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा निगम को उसके हिस्से की राशि ( जो कि 3 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा है) का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिसके चलते निगम की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है।
क्षेत्र में विकास कार्य नहीं किए जा रहे, आर्थिक संकट के चलते विभिन्न परियोजनाएं काफी समय से लंबित हैं यहां तक कि
पार्षदों को अपने-अपने वार्डो में विकास कार्य कराने के लिए फन्ड तक मुहैया नहीं कराया जा रहा। मुकेश गोयल ने कहा कि आर्थिक संकट के चलते निगम के ठेकेदारों ने काम करना तक बंद कर दिया है पिछले दो-ढाई सालों से उनके द्वारा किए कार्यों के बिलों का भुगतान नहीं किया गया है क्योंकि निगम पर ठेकेदारों का हजारों करोड़ रूपये बकाया है भुगतान न होने के कारण ठेकेदारों ने निगम के कार्यों संबंधी टेण्डर लेने तक बंद कर दिये हैं।
सभा में सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं ने गोयल द्वारा उठाए गए मुद्दों का समर्थन करते हुए केजरीवाल सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए साथ ही एक प्रस्ताव पारित कर निगमायुक्त को निर्देश दिया कि वह शीघ्र दिल्ली सरकार से संपर्क कर निगम को उसके हिस्से की राशि देने के लिए उचित कार्यवाही करें।