
नई दिल्ली सत्यकेतन समाचार। इसे बढ़ता प्रदूषण कहें या दिल्ली सरकार की लापरवाही पर सच यही है कि दिल्ली की हवा ही नहीं बल्कि पानी भी अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा प्रदूषित है। लोगों को साफ़ पानी मुहैय्या करवाने में केजरीवाल सरकार नाकाम रही है. उस पर यह की अरविन्द केजरीवाल अब भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है. उनको भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के उस जाँच पर ही भरोसा नहीं है जिसने ने दिल्ली ही नहीं अन्य 20 राज्यों की राजधानियों के पेयजल के नमूनों की जांच कराई है। इसमें दिल्ली में 11 जगहों से पाइप से आने वाले पानी के नमूने लिए गए थे जिनमें से ज्यादातर नमूने मानकों को पूरा करने में विफल रहे।
जबकि रिपोर्ट को अस्वीकार करने का कोई आधार नहीं है, क्योंकि बीआईएस के पास अंतरराष्ट्रीय मानदंड के अनुसार पेयजल की गुणवत्ता की वैज्ञानिक रूप से जांच करने के लिए अति उन्नत सुविधाएं हैं. दिल्ली के लोग सीवर का पानी पीने को मजबूर हैं और अरविन्द केजरीवाल अपनी झूठ फरेब की गन्दी राजनीति में व्यस्त हैं. दूषित पेयजल और संक्रमित पेयजल की समस्या दिल्ली के कुछ इलाकों में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले अधिकांश गांव भी इस से पीड़ित हैं। रिपोर्ट में दिल्ली के पेयजल की गुणवत्ता देश में सबसे निचले स्तर पर होने की बात ने राजधानी में जल जनित बीमारियों के ख़तरे की चिंता बढ़ा दी है. अब मुख्यमंत्री दिल्ली जल बोर्ड की नाकामी छुपाने के लिए रिपोर्ट को ही गलत बताने जैसी अतार्किक बातें कर रहे हैं. देश में बीआईएस ऐसी संस्था है, जिसकी मुहर खाने-पाने की चीजों पर लगती है, तो लोग बेधड़क उसे खाते हैं।
इसी संस्था ने बताया है कि दिल्ली मे आपूर्ति वाले दूषित जल में बहुत अधिक संक्रामक तत्व पाए गए हैं जो किडनी, लीवर और आंतों को नुकसान पहुंचा सकते है, विशेष रूप से बच्चों को निमोनिया की दहलीज तक ला सकते हैं. छोटे-छोटे बच्चों को डायरिया हो रहा है। इसका सीधा मतलब है पानी के मुद्दे पर सियासत करने वाली सरकार दिल्लीवासियों को स्वच्छ जल मुहैया कराने में विफल रही है। दिल्ली के निवासियों को अपनी सुरक्षा अब अपने हाथों में लेनी होगी। नागरिक स्तर पर प्रयास करने होंगे क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तो सिर्फ राजनीति ही करेंगे।
दिल्ली वालों का स्वास्थ्य अगर उनकी प्राथमिकताओं में होता तो आज दिल्ली वालों को दूषित जल पीने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। दिल्ली सरकार भले ही कुछ भी बातें और दावे करे, लेकिन सभी को शुद्ध जल उपलब्ध कराने की बात आज तक पूरी नहीं कर पाई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास दिल्ली जल बोर्ड है, बावजूद इसके यहां के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में प्रदूषित पानी की सप्लाई कर रहे हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि आने वाले चुनाव में गंदा पानी मुहैया कराने वालों को दिल्ली की सत्ता से बाहर करना चाहिए।