Jyotiraditya Scindia बने भाजपा के राज्‍यसभा प्रत्‍याशी

Jyotiraditya Scindia बने भाजपा के राज्‍यसभा प्रत्‍याशी

सत्यकेतन समाचार: मध्‍य प्रदेश से भाजपा ने ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को राज्यसभा का प्रत्‍याशी बनाया है। गौर करने वाली बात है कि 18 साल तक कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया आज ही बुधवार को भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ज्‍वाइन करने के कुछ ही देर बाद पार्टी ने उन्‍हें मध्‍य प्रदेश से राज्‍यसभा का उम्‍मीदवार घोषित कर दिया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने सिंधिया को भाजपा से राज्यसभा उम्‍मीदवार बनाए जाने पर बधाई दी है।

जानें कहां से कौन है उम्‍मीदवार

ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के अलावा भाजपा ने कई नेताओं को राज्‍यसभा का उम्‍मीदवार बनाया है। असम से श्री भुवनेश्‍वर कालीता, बिहार से श्री विवेक ठाकुर, गुजरात से श्री अभय भारद्वाज और श्रीमति रामीलाबेन बारा, झारखंड से दीपक प्रकाश, मणिपुर से लिएसेंबा महाराजा, महाराष्‍ट्र से श्रीमंत उदयना राजे भोंसले, राजस्‍थान से राजेंद्र गहलोत भाजपा के राज्‍यसभा उम्‍मीदवार होंगे। सहयोगी दलों के जिन दिग्‍गजों को भाजपा ने राज्‍यसभा का उम्‍मीदवार बनाया है उनमें आरपीआइ (ए) के रामदास आठवले और बीपीएफ के बुस्‍वजीत डाइमरी शामिल हैं।

आठवले महाराष्‍ट्र से तो डाइमरी असम से भाजपा के उम्‍मीदवार होंगे। वैसे सिंधिया की उम्‍मीदवारी सबसे दिलचस्‍प है जो मध्‍य प्रदेश में काफी प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। आने वाले दिनों में मध्‍य प्रदेश से तीन राज्‍य सभा सीटों के लिए मतदान होना है। एक सीट पर जीत के लिए न्यूनतम 58 विधायकों की जरूरत है। 107 विधायकों की बदौलत भाजपा के हिस्से में एक सीट जानी तय है। तीसरी सीट को लेकर रस्‍साकशी जारी है। दूसरी ओर कांग्रेस के 22 विधायकों के बागी रुख के चलते लड़ाई और दिलचस्‍प हो गई है।

इतना ही नहीं मध्‍य प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी कथित तौर पर मुश्किल में आ गई है। फिलहाल सदन कुल सीटें 228 हैं जिसके हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 115 है। लेकिन यदि कांग्रेस के 20 बागी विधायक भी इस्तीफा दे देते हैं तो सदन की कुल सीटें 208 तक आ जाएंगी और भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए केवल 104 विधायकों की जरूरत होगी। वहीं कांग्रेस को विधानसभा में भाजपा को हराने के लिए कम से कम 15 विधायकों की जरूरत होगी जिनको जुटाना कांग्रेस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। आंकड़े भाजपा के पक्ष में दिख रहे हैं जिसके सदन में 107 विधायक हैं।

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