सत्यकेतन समाचार: 1 जनवरी 2020 से जम्मू-कश्मीर के लोगों पर पड़ रही दोहरे टैक्स की मार खत्म हो जाएगी। बुधवार से कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक टैक्स प्रणाली लागू हो जाएगी। राज्य के प्रवेशद्वार लखनपुर के साथ ही रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों सहित सभी टोल पोस्टों को हटा दिया गया है। लखनपुर, रेलवे व हवाई मार्ग से जो भी सामान आता था, उस पर टोल टैक्स लगता था, जिससे अब मुक्ति मिल गई है। इस संबंध में जम्मू-कश्मीर वित्तीय विभाग की ओर से मंगलवार को दो अधिसूचना जारी की गई।
जम्मू-कश्मीर में ढाई साल से लोग हर खरीद पर जीएसटी अदा करने के साथ कुछ चीजों को छोड़कर अन्य राज्यों से आने वाले सभी सामान पर न्यूनतम 100 रुपये प्रति क्विंटल टोल टैक्स भी दे रहे थे। वस्तुओं पर टोल टैक्स खत्म होने का सबसे अधिक फायदा निर्माण सामग्री की खरीद में होगा। सीमेंट का 50 किलोग्राम का बैग अब जम्मू-कश्मीर में करीब 50 रुपये सस्ता हो जाएगा। इससे पूर्व बाहर से आने वाले सीमेंट पर 50 रुपये प्रति बैग टोल लगता था, जो अब नहीं लगेगा। इसी तरह स्टील के दाम में भी 100 रुपये प्रति ¨क्वटल की कमी आ जाएगी। अन्य राज्यों से आने वाले प्लाइवुड व अन्य फर्नीचर के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान पर टोल टैक्स हटने से अधिक फायदा होगा।
राज्य सरकार को होती थी सालाना 1500 करोड़ की आय
सामान पर टोल टैक्स लगने से जम्मू-कश्मीर सरकार को सालाना 1500 करोड़ रुपये की आय होती थी। इसमें सबसे ज्यादा लखनपुर में सालाना 644.64 करोड़ रुपये मिलते थे। रेलवे और हवाई मार्ग सहित अन्य सभी टोल टैक्स को मिलाकर कुल कमाई 1500 करोड़ के आसपास बैठती थी। अब राज्य की यहआय समाप्त हो जाएगी।
अनुच्छेद- 370 के तहत जारी था टोल टैक्स
एक जुलाई 2017 को केंद्र सरकार ने एक दर्जन से अधिक केंद्रीय व राज्य की ओर से लगाए जाने वाले करों को समाप्त करते हुए वन-नेशन, वन-टैक्स के रूप में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) लागू किया था, लेकिन अनुच्छेद-370 के कारण जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर पहुंच कर इसने दम तोड़ दिया। जब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली लागू हुई, उस समय जम्मू के व्यापारी जीएसटी लागू करने की मांग को लेकर वेयर हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। आखिरकार एक सप्ताह बाद तत्कालीन पीडीपी-भाजपा सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए जेएंडके जीएसटी बिल पारित किया और आठ जुलाई 2017 से जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू हुआ।
तत्कालीन सरकार ने लखनपुर में वस्तुओं पर टोल टैक्स को जारी रखा, जिससे व्यापार जगत को करारा झटका लगा। दो साल तक व्यापार जगत इसे हटाने की मांग को लेकर संघर्षरत रहा, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। पांच अगस्त 2019 को जब मोदी सरकार ने अनुच्छेद- 370 व 35ए समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठन करने का फैसला लिया तो उम्मीद जगी कि जम्मू-कश्मीर को दोहरे टैक्स से मुक्ति मिल जाएगी। अब नए साल के तोहफे के रूप में लोगों को लखनपुर टोल टैक्स से मुक्ति मिली है।
किस पर कितना लगता था टोल टैक्स
-टेक्सटाइल व भेड़ बकरियां : 175 रुपये प्रति क्विंटल
-खाद्य तेल : 235 रुपये प्रति ¨क्वटल
-सिगरेट : 4000 रुपये प्रति क्विंटल
-तंबाकू (चबाने वाले को छोड़कर) : 400 रुपये प्रति क्विंटल
-फ्रोजन चिकन : 900 रुपये प्रति क्विंटल
-बादाम, अखरोट, केसर व खुबानी : 235 रुपये प्रति क्विंटल
-ब्रेड : एक रुपये प्रति ब्रेड
इन वस्तुओं पर नहीं था टोल टैक्स
दालें, आटा, चावल, मैदा, सूजी, चीनी, चावल (सभी नान ब्रांडेड), आलू-प्याज, कश्मीर से निर्यात होने वाले सेब व सब्जियां
ये सामान होंगे सबसे ज्यादा सस्ते
-सीमेंट, स्टील, प्लाइवुड, फर्नीचर व इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, टेक्सटाइल, भेड़ बकरियां, खाद्य तेल, सिगरेट, तंबाकू (चबाने वाले को छोड़कर), फ्रोजन चिकन, बादाम, अखरोट, केसर व खुबानी और ब्रेड।