Jammu and Kashmir: लोकल प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर लगी रोक हटा दी गई

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Jammu and Kashmir प्रशासन ने जनता को राहत देते हुए बड़ा फैसला लिया है। शनिवार को घाटी में कॉल, SMS और 2G इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक हटा दी गई है। सभी लोकल प्रीपेड मोबाइल सेवाएं शुरू हो गई हैं।

Srinagar: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को जनता को राहत देते हुए बड़ा फैसला लिया है। घाटी में सभी लोकल प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर लगी रोक हटा दी गई है। राज्य में प्रीपेड कॉल, SMS और 2G इंटरनेट सेवाएं शुरू हो गई हैं। रोहित कंसल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रीपेड मोबाइल सेवाओं को शुरू किए जाने की जानकारी दी।सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद शनिवार से राज्य में लोकल प्रीपेड कार्ड पर सभी सेवाएं शुरू की गई। प्रशासन के इस फैसले से नागरिकों ने राहत महसूस की है।

मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

जम्मू-कश्मीर के करीब 80 फीसदी सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड सेवाएं पहले ही शुरू की जा चुकी हैं। हालांकि इसका लाभ आम नागरिकों को नहीं मिल रहा है। अस्पतालों में यह सेवा दफ्तरों से जुड़े कामकाज की सहूलियतों के मद्देनजर शुरू की गईं। इंटरनेट पर पाबंदी से मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन। नेताओं की हिरासत वाली याचिका पर सुनवाई की थी। शीर्ष अदालत ने कहा  कि इंटरनेट ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ के तहत आता है। यह बोलने की आजादी का जरिया भी है। इंटरनेट बंद करना न्यायिक समीक्षा के दायरे में आता है। केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में सभी पाबंदियों पर एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करे। जहां जरूरत हो वहां इंटरनेट मुहैया कराए।

मजिस्ट्रेट को धारा-144 के तहत पाबंदियों के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि वर्तमान समय में किसी भी राज्य में व्यापार पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर है। यह संविधान के आर्टिकल-19 के तहत आता है। मजिस्ट्रेट को धारा-144 के तहत पाबंदियों के आदेश देते समय नागरिकों की स्वतंत्रता। सुरक्षा को खतरे की आनुपातिकता को देखकर विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए। एक ही तरीके के आदेश जारी करना उल्लंघन है। कोर्ट के आदेश पर समीक्षा के बाद शनिवार को घाटी में प्रीपेड सेवाओं पर लगी रोक हटाई गई है।

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