जामिया हिंसा: छात्र को लगी गोली, पुलिस का इनकार, सफदरजंग अस्पताल में भर्ती

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया इस्लामिया के आसपास और जामिया नगर इलाके में सोमवार को दिनभर तनाव का माहौल रहा। प्रदर्शनकारी सुबह से ही सड़कों पर आ गए और पुलिस कार्रवाई का विरोध जताने लगे। डीयू में भी प्रदर्शन हुआ और छात्रों व पुलिस में हल्की झड़प हुई। दिल्ली पुलिस ने दोपहर व शाम को जामिया नगर समेत कई इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला है। इससे पहले लाठीचार्ज के विरोध में जामिया के छात्रों ने कड़ाके की ठंड में अर्धनग्न प्रदर्शन किया है।

जामिया हिंसा मामले में रविवार रात दो घायलों को सफदरजंग अस्पताल भर्ती कराया था। इन्हें गोली लगी हुई है। इनमें से एक की पहचान जामिया में बीई अंतिम वर्ष के छात्र अहजाद के रूप में हुई है। आपको बता दें कि दिल्ली के जामिया हिंसा मामले में दो घायलों को सफदरजंग अस्पताल भर्ती कराया गया था। दोनों ही घायलों का ऑपरेशन बीते रविवार रात करना पड़ा। इनमें से एक के पैर में चोट आई है।

जबकि दूसरे मरीज की छाती में चोटे आई हैं। दोनों मरीजों के ही अनुसार इन्हें गोली लगी है। जबकि डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने केवल मरीजों के भर्ती होने की जानकारी ही दी है। सोमवार रात अस्पताल में भर्ती दोनों मरीजों की जानकारी सामने आने के बाद अस्पताल में वार्ड नंबर 26 के आसपास दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा भी बढ़ा दी है। एक ओर दिल्ली पुलिस फायरिंग से इंकार कर रही है।

जबकि दूसरी ओर सोमवार रात को अस्पताल में वार्ड की ओर जाने वाले हर शख्स की जांच कर रही है। पहचान पत्र, मरीज का कार्ड या या विवि का परिचय पत्र देखने के बाद ही वार्ड में जाने की मंजूरी दे रही है। वार्ड नंबर 26 में भर्ती मरीज अहजाद ने बताया कि वह न्यू फ्रेंडस कॉलोनी में ही रहता है। उसके साथ मां भी रहती है। उसकी मां को खुजली की शिकायत है। दरियागंज से उनका इलाज चल रहा है।

रविवार को अहजाद दरियागंज दवाई लेने के लिए ही गया था। वह डीटीसी बस से अपने घर की ओर आ रहा था तभी वह न्यू फ्रेंडस कॉलोनी के पास ही पहुंचा था कि काफी संख्या में लोग बसों में तोड़फोड़ कर रहे थे। इसी बीच फायरिंग की आवाजें भी सुनाईं दी। अहजाद ने ये भी बताया कि बस में मौजूद बाकी यात्रियों के साथ वह भी बाहर की ओर भागा, लेकिन इसी बीच उसकी छाती में कुछ लगा और वह जमीन पर आ गिरा। अहजाद का आरोप है कि उसे दो गोलियां लगी थीं। इसके बाद अहजाद वहां मौजूद लोगों की मदद से ऑटो के जरिए सफदरजंग अस्पताल पहुंचा था।

अहजाद का ये भी कहना है कि उसके साथ ऑटो में एक और घायल युवक था, जिसे वह नहीं जानता है। जबकि सफदरजंग अस्पताल में ही मौजूद मोहम्मद अरशद का कहना है कि 23 वर्षीय शोएब रविवार रात जामिया के पास से गुजर रहा था। वह प्रदर्शन में शामिल नहीं था, लेकिन उसके पैर के अंगूठे में गोली लगी है। रात में वह ऑटो से सफदरजंग अस्पताल पहुंचा था। अस्पताल से सूचना मिलने के बाद ही वे वहां पहुंचे। रात में ही डॉक्टरों ने ऑपरेशन का हवाला दिया था। फिलहाल शोएब को अस्पताल के वार्ड में ही शिफ्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा बीटेक अंतिम वर्ष का छात्र है।

सफदरजंग अस्पताल में वार्ड के बाहर इस तरह से सुरक्षा बढ़ाने को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया गया। जबकि फायरिंग को लेकर जरूर दिल्ली पुलिस लगातार आरोपों का खंडन करती आ रही है। उनका कहना है कि पुलिस की ओर से किसी भी तरह की फायरिंग नहीं की गई है। पुलिस प्रवक्ता एमएस रंधावा भी प्रेस कान्फ्रेंस में कह चुके हैं कि पुलिस ने बीती रात फायरिंग नहीं की है। घटना में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर ही कार्रवाई की है।

  •  होली फैमिली में भी गन शॉट केस

जामिया विवि के पास ही होली फैमिली अस्पताल में भर्ती 23 वर्षीय मरीज मोहम्मद तमिन को रविवार रात अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने उसे गन शॉट केस बताया है। सोमवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उसकी डिस्चॉर्ज समरी के अनुसार बायां पैर जख्मी था। इसके चलते एक ऑपरेशन करना पड़ा। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस पर भी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

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