
ईरान ने अमेरिकी एयरबेस पर दर्जन भर से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागे हैं. पेंटागन का कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है. ये हमले अल असद और इरबिल के दो सैन्य ठिकानों पर हुए हैं. ईरान और अमेरिका में जंग की आशंका के बीच इराक में अमेरिकी सेना के ठिकानों पर हमला हुआ है.
सैन्य ठिकानों पर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोला है. खबरों के मुताबिक दर्जन भर से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागे गए हैं. पेंटागन का कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है. ये हमले अल असद और इरबिल के दो सैन्य ठिकानों पर हुए हैं.
2018 में डोनाल्ड ट्रंप गए थे.
बता दें, अल असद के जिस ठिकाने पर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोला है, वहां 2018 में डोनाल्ड ट्रंप गए थे. अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी शुक्रवार को तेज हो गई थी, जब अमेरिका ने बगदाद में ड्रोन हमला कर ईरान के कुद्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था. इसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी शुरू हुई थी. ईरान ने बदला लेने की धमकी दी है, जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल ही कहा था कि इसके बुरे नतीजे होंगे.
लौटने की तैयारी में अमेरिकी सेना.
हालांकि हमले से पहले इराकी संसद में विदेशी सेना को लौटाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद इस्लामिक स्टेट (आईएस) से लड़ रहे अमेरिकी अगुआई वाले अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ने अपनी सेना को वापस भेजने की तैयारी शुरू कर दी.
टास्क फोर्स इराक के कमांडिंग जनरल अमेरिकन मरीन कॉर्प्स के ब्रिगेडियर विलियम एच सीली ने एक पत्र में कहा, इराक गणराज्य की संप्रभुता की रक्षा के लिए और इराकी संसद और प्रधानमंत्री के आग्रह पर सीजेटीएफ-ओआईआर (ऑपरेशन इनहेरिटेंट रिजॉल्व के नाम से प्रसिद्ध गठबंधन सेना) आगामी आंदोलन की तैयारी के लिए अगले सप्ताहों और दिनों में दोबारा तैनात होगी.
इराकी जॉइंट ऑपरेशंस कमांड को संबोधित और इराकी मीडिया की ओर से जारी पत्र की प्रमाणिकता तत्काल इराकी सेना ने पुष्टि नहीं की है. यह बयान इराकी संसद के एक प्रस्ताव पारित करने के अगले दिन आया है. इसलिए प्रस्ताव में इराक में विदेशी सेना की मौजूदगी खत्म करने और उन्हें इराकी वायु और समुद्री क्षेत्र का उपयोग करने से रोकने के लिए कहा गया था.
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