नई दिल्ली। मोबाइल फोन तकनीक में विकास ने स्मार्टफोन को लोगों की आदत में शुमार कर दिया है। इस आदत ने एक पॉर्नोग्राफी को देखने वालों की संख्या भी इजाफा कर दिया है। साल 2019 में स्मार्टफोन पर पॉर्न देखने के मामले में भारत शीर्ष पर रहा। नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में 2019 में 89 प्रतिशत लोगों ने मोबाइल डिवाइस के माध्यम से पॉर्न देखा। यह आंकड़ा साल 2017 से 3 प्रतिशत ज्यादा है। 2017 में भारत में मोबाइल डिवाइस के माध्यम से पॉर्न देखने वालों की संख्या 86 प्रतिशत थी।
जानकारी के अनुसार, दुनिया भर में प्रत्येक 4 में से 3 लोग मोबाइल पर पॉर्न देखते हैं। मतलब पॉर्न देखने के लिए डेस्कटॉप और लैपटॉप जैसे डिवाइस लोगों के लिए दूसरी पसंद बन गए हैं। 2019 में वैश्विक स्तर पर पॉर्नहब के मोबाइल ट्रैफिक का हिस्सा 77 फीसदी पहुंच गया, जो इससे एक साल पहले के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा है।
मोबाइल पर पॉर्न देखने के मामले में अमेरिका 81 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर और 79 प्रतिशत के साथ ब्राजील तीसरे नंबर पर है। वहीं, जापान में 70 प्रतिशत लोग मोबाइल से पॉर्नहब पर पहुंचे, जबकि यूके में 74 प्रतिशत लोगों ने मोबाइल पर पॉर्न देखा। पॉर्नहब की ‘इयर इन रिव्यू’ रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2013 में पॉर्नहब के कुल ट्रैफिक में मोबाइल ट्रैफिक की हिस्सेदारी सिर्फ 40 फीसदी थी। मोबाइल पर पॉर्न देखने का ट्रेंड सभी प्रमुख पॉर्नहब मार्केट में देखा गया। सस्ते डेटा प्लान और महंगे स्मार्टफोन्स की कीमत में गिरावट के चलते देश में मोबाइल पर पॉर्न देखने वालों की संख्या बढ़ी है।
भारत में 450 मिलियन से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर हैं और सस्ते डेटा प्लान के चलते यूजर्स के लिए मोबाइल पर इंटरनेट सर्फिंग आसान हो गई है। टेलिकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली स्पीडन की कंपनी एरिक्सन के मुताबिक, दुनिया भर में भारत में प्रति स्मार्टफोन डेटा खपत सबसे ज्यादा है। यहां एक स्मार्टफोन पर औसतन 9.8 जीबी डेटा प्रति माह खर्च हो रहा है। यह 2024 तक करीब दोगुना होकर 18जीबी हो जाएगा। देश में चल रहे डिजिटल ट्रांसफर्मेशन के चलते उम्मीद है कि 2021 तक भारत का कुल इंटरनेट यूजर बेस बढ़कर 829 मिलियन हो जाएगा।
पॉर्नहब ने यह डेटा भी जारी किया है कि किस ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर कितना पॉर्न देखा गया। 2019 में पॉर्नहब का 48 फीसदी ऐंड्रॉयड ट्रैफिक ऐंड्रॉयड पाई ऑपरेटिंग सिस्टम से आया। वहीं, 23 फीसदी ऑरियो और 12 फीसदी नूगा ऑपरेटिंग सिस्टम से आया। पॉर्नहब की रिपोर्ट में एक खास बात यह भी सामने आई कि ऐंड्रॉयड पर पॉर्न देखने वालों की संख्या घटी है, जबकि आईओएस पर इसमें बढ़ोतरी हुई है। पोर्नहब ब्राउज करने के लिए आईओएस सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है।
इसमें भी आईओएस के लेटेस्ट वर्जन आईओएस 13 का 71 फीसदी बार यूज किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में पॉर्नहब के कुल मोबाइल ट्रैफिक में आईओसी की हिस्सेदारी 52.8 फीसदी, जबकि ऐंड्रॉइड का शेयर 46.6 फीसदी है। मोबाइल एनालिटिक्स साइट ऐप एनी के मुताबिक, 100 सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए फ्री या पेड ऐप्स में से एक भी पॉर्नोग्रफी वाले ऐप नहीं है। इसका मतलब है कि पॉर्न देखने के लिए अभी भी लोग ब्राउजर का यूज कर रहे हैं।