
India Lockdown, सत्यकेतन समाचार : कोरोन वायरस लॉकडाउन के बाद लोगों का कामकाज ठप हो गया तो बड़ी संख्या में मजदूरों ने शहरों से गावों की ओर पलायन शुरू कर दिया। कोई पैदल, को रिक्शा से तो कइयों ने साइकल से हजारों किलोमीटर की दूरी नाप दी है। 20 साल का महेश जेना भी इनमें से एक है। महेश महाराष्ट्र से ओडिशा अपने साइकल से पहुंच गया है। उसने 1700 किलोमीटर की दूरी महज 7 दिनों में तय कर ली।
जेना महाराष्ट्र के सांगली जिले के इंडस्ट्रियल जोन में एक फैक्ट्री में काम करता था। वह ओडिशा के जजपुर में भानरा नाम के गांव का रहने वाला है। लॉकडाउन की वजह से कंपनी में काम बंद हो गया तो उसने घर जाने की ठान ली। 1 अप्रैल को अपने साइकल से चल पड़ा। उसने साथ में कुछ कपड़े, बिस्किट के पैकेट, पानी की बोतलें और जेब में 3000 रुपये लेकर सफर की शुरुआत कर दी। उसके पास ना तो मोबाइल था और ना ही कोई नक्शा। लेकिन मन में इरादा था कि घर पहुंचकर ही दम लेगा। साइकल खराब हो गई तो पैदल ही जाएगा, लेकिन घर जाना ही है।
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जेना ने बताया कि उसे किसी ने बताया कि फैक्ट्रियां पांच महीने के लिए बंद हो गई हैं। सब लोग काफी डरे हुए थे कि हम कमाएंगे कैसे और खाएंगे कैसे? किस तरह घर का किराया देंगे? इन सब सवालों से जूझते हुए उसने न्यूज में देखा कि बहुत से प्रवासी मजदूर पैदल ही गांव की ओर निकल गए हैं।
जेना ने बाताया कि रास्ते में वह रात को किसी मंदिर या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर सो जाया करता था। उसने कहा कि रास्ते में जिस किसी से उसने मदद मांगी सभी ने मदद की। पहले ही दिन उसने 150 किलोमीटर साइकल चलाई। जेना ने कहा कि उसे पुलिस का डर था, लेकिन कहीं उसे रोका नहीं गया। कई जगह पुलिसवालों ने भी उसे खाना और पानी दिया।
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