
भारत, सत्यकेतन समाचार : देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। जिस वजह से 4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन-3 घोषित कर दिया गया है। देश में सभी लोग कोरोना से लड़ी जा रही इस जग में अपना योगदान दे रहे है। एक तरफ जहा पूरी दुनिया कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगी है वही। भारत में लखनऊ के केजीएमयू और अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत एक प्रोग्राम तैयार किया है। इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम से सिर्फ छाती का एक्स-रे (X-Ray ) देखकर यह पता चल पाएगा कि मरीज कोरोना संक्रमित है या नहीं.
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल केजीएमयू ने प्रदेश के तमाम जिलों से कोविड मरीजों का छाती का एक्स-रे मंगाकर इस पर काम शुरू किया है, जो जल्द ही क्लीनिकल ट्रायल में जाएगा. लखनऊ के केजीएमयू ने बकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की जानकारी दी है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि चीन और अमेरिका के बाद केजीएमयू जल्द ही एक्स-रे देखकर कोविड मरीजों की पहचान करेगा. एक्स-रे से ना सिर्फ कोविड मरीजों का पता चलेगा बल्कि फेफड़े के संक्रमण से यह भी पता लग पाएगा कि मरीज कब और कितनी जल्दी ठीक हो सकता है.
बता दें कि जब चीन में रैपिड टेस्ट कम हो रहे थे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यह तरीका कारगर साबित हुआ था. इस मॉडल में कोविड-19 रोगियों की पहचान करने का काम अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और कुछ अन्य देश भी कर रहे हैं. अब जल्द ही भारत में केजीएमयू में यह शुरू होने जा रहा है.
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