
नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। कोरोना महामारी से छिड़ी जंग में अब नए सिपाही भी उतारे जाएंगे। दरअसल, भारत सरकार ने मेडिकल स्टाफ के पक्ष में बड़ी घोषणा की है. कोविड ड्यूटी के लिए अस्पतालों में क्वालिफाइड और अनक्वालिफाइड सभी को इंटर्न्स और मेडिकल स्टाफ बनने का मौका दिया जाएगा। और 100 दिनी तक लगातार ड्यूटी पर तैनात रहे मेडिकल स्टाफ्स को पुरुस्कार से भी नवाज़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम मेडिकल स्टूंडेंट्स और कोरोना से जूझ रहे मरीज़ों, दोनों को मद्देनज़र रखते हुए लिया गया है. क्यूंकि इस पहल से मेडिकल स्टूडेंट्स को लॉकडाउन में भी इंटर्नशिप ट्रेनिंग से सीखने का मौका मिलेगा। और कोरोना पेशेंट्स को ज़्यादा हेल्थ वर्करों की देख रेख मिल जाएगी। इसी कांसेप्ट को ध्यान में रखते हुए NEET-PG परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है, ताकि तैयारी करने के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स को छुट्टी न लेनी पड़े और वह मरीज़ों का ध्यान रख सकें। मालूम हो कि, यह सभी परीक्षाएं 31 अगस्त के बाद ही हो होंगी। इन सभी फैसलों पर देश के प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की थी.
बता दें, इस दौरान कोरोना ड्यूटी पर भेजे गए सभी विद्यार्थियों व पेशेवरों को कोविड वैक्सीन के डोज़ दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को ऐलान कर कहा कि, कोरोना पेशेंट्स की देख रेख के मिशन पर एमबीबीएस के आखिरी साल के छात्रों को भी तैनात किया जायेगा। साथ ही, B.Sc.और GNM क्वालिफाइड नर्सों को भी कोरोना नर्सिंग ड्यूटी पर जाने का मौका दिया जाएगा। जितने भी मेडिकल स्टूडेंट्स ड्यूटी पर भेजे जाएंगे, उनकी निगरानी फैकल्टी के साथ साथ उच्च डॉक्टरों की टीम भी करेगी।
पुरुस्कार से भी नवाजा जाएगा
पीएम के अनुसार, जो भी हेल्थ वर्कर कोविड ड्यूटी पर ईमानदारी से निरंतर 100 दिनों तक रहेगा, उसे सरकारी मेडिकल भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें प्रधानमंत्री के ”कोविड राष्ट्रीय सेवा” अवार्ड से भी सम्मानित किया जाएगा।