
सत्यकेतन समाचार : पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Attack) को आज एक साल पूरा हो गया है। हमले की पहली बरसी के मौके पर देश आज जवानों को याद कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस हमले में चालीस जवान शहीद हुए थे, जिनकी शहादत का बदला भारतीय सेना ने 12 दिन में ले लिया था। ऐसे में इस बदले के पीछे की पूरी कहानी क्या थी, किस तरह कुछ ही दिनों में सेना ने इसे अंजाम दिया।

- 14 फरवरी को आतंकी हमला होने के एक दिन बाद पंद्रह तारीख को CCS की बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान से बदला लेने के लिए ऑप्शन लिए गए।
- उरी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया था, लेकिन इस बार तय हुआ था कि किसी दूसरे तरीके से हमला किया जाएगा। लंबे मंथन के बाद एयरस्ट्राइक को फाइनल किया गया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से NSA अजित डोभाल पर इस प्लान की जिम्मेदारी दी गई। अजित डोभाल और तत्कालीन वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने पूरे एक्शन का ब्लूप्रिंट तैयार किया। इसी दौरान तय हुआ कि बालाकोट में मौजूद जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा।
- जब जगह तय कर ली गई उसके बाद सभी एजेंसियों ने इनपुट निकालना शुरू किया। रॉ, आईबी ने जैश के ठिकानों की पुख्ता जगह निकालना शुरू किया।
- भले ही इस हमले में वायुसेना का अहम रोल था, लेकिन थल सेना को भी अलर्ट पर रखा गया। खासकर LoC के पास वाले इलाके में जवान पूरी तरह सतर्क थे।
- एयरस्ट्राइक से 2 दिन पहले ही प्लान तय हुआ कि मिराज 2000 के साथ AWACS को भी तैनात किया जाएगा। इन्हें ग्वालियर में तैनात किया गया, साथ ही आगरा बेस को भी अलर्ट पर रखा गया।
- 25 फरवरी की शाम ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे लोगों के फोन बंद कर दिए गए। पीएम मोदी, एनएसए अजित डोभाल और बीएस धनोआ लगातार हर अपडेट की जानकारी ले रहे थे।
- 26 फरवरी की देर रात मिराज 2000 ने ग्वालियर से उड़ान भरी तो आगरा, बरेली के एयरबेस को भी अलर्ट पर रखा गया। इस दौरान पाकिस्तान एयर डिफेंस सिस्टम पर निगाहें रखने को कहा गया।
- 12 मिराज विमान सुबह करीब तीन बजे पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट में बम बरसाने शुरू कर दिए। इस दौरान पाकिस्तान के एफ16 विमान एक्टिव हो गए लेकिन तबतक भारत की वायुसेना अपना काम कर चुकी थी।
- भारतीय वायुसेना के एक्शन में बालाकोट में मौजूद जैश ए मोहम्मद के ठिकाने तबाह कर दिए गए। इस हमले में सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया। हमले के तुरंत बाद पीएम मोदी ने बड़े अफसरों के साथ साउथ ब्लॉक में बैठक की।