Corona Live Update: दैनिक जागरण में पहले पन्ने पर एक रिपोर्ट छपी है कि इंफ्लुएंजा की तरह कोरोना वायरस अपनी जेनेटिक संरचना तेज़ी से नहीं बदल रहा है और यह राहत की बात है. अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, ”चार महीने पहले चीन के वुहान में उसकी संरचना जैसी थी अब भी लगभग वैसी ही है. इसके कारण कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लंबे समय तक काम करने वाला वैक्सीन बनाना आसान होगा. वहीं इंफ्लुएंजा जैसे कई वायरस लगातार अपनी जेनेटिक संरचना बदलते रहते हैं और उनके लिए हर बार नई वैक्सीन तैयार करनी पड़ती है.”
अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में कोरोना वायरस के स्वरूप पर नज़र रख रहे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में पाए गए कोरोना वायरस काफ़ी हद तक एक समान हैं. ये कई देशों में रहने वाले लोगों के माध्यम से भारत पहुंचे हैं. सामान्य रूप से वायरस एक से दूसरे मानव शरीर के भीतर गुजरते समय अपनी संरचना बदलता रहता है, जिसे म्यूटेशन कहते हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक़ कोरोना वायरस में म्यूटेशन की यह प्रक्रिया नहीं देखी जा रही है. पिछले हफ्ते आईसीएमआर के वैज्ञानिक रमन गंगाखेड़कर ने बताया था कि भारत में मिले कोरोना के वायरस की जेनेटिक संरचना 99.9 फ़ीसदी वुहान शहर में मिले वायरस के समान थी. साथ ही उन्होंने वायरस के म्यूटेशन से उसकी जेनेटिक संरचना बदलने की आशंका भी जताई थी.
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, ”ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ भारत में ही कोरोना वायरस की जेनेटिक संरचना एक समान मिल रही है. पूरी दुनिया में यह वायरस काफ़ी हद तक एक समान ही पाया जा रहा है. इस कारण यह माना जा रहा है कि कोरोना वायरस में इंफ्लुएंजा जैसे दूसरे वायरस की तरह तेज़ी से जेनेटिक संचरना बदलने के गुण नहीं हैं. इस कारण यदि इस वायरस को रोकने के लिए कोई वैक्सीन बनती है या फिर इससे प्रभावित मरीज़ों के लिए कोई कारगर दवा ईजाद की जाती है तो वह लंबे समय तक कारगर रहेगी.”
आइसीएमआर के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वायरस के बारे में निश्चित रूप से कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. अख़बार लिखता है कि लंबे समय तक कोरोना वायरस पर नज़र रखने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है.
A report has appeared on the front page in Dainik Jagran that the corona virus, like influenza, is not changing its genetic structure rapidly and it is a matter of relief. According to the newspaper report, “four months ago, its structure in Wuhan, China was almost the same.” Because of this, it will be easy to make a long-term vaccine against the corona virus. At the same time, many viruses like influenza constantly change their genetic structure and every time a new vaccine has to be prepared for them.
According to the newspaper report, according to scientists of the Indian Council of Medical Research (ICMR) tracking the nature of corona virus in India, the corona virus found in India is very similar. They have reached India through people living in many countries. Normally, the virus changes its structure while passing from one to another human body, which is called mutation.
According to this report, this process of mutation is not seen in the corona virus. Last week, ICMR scientist Raman Gangakhedkar had said that the genetic structure of the corona virus found in India was 99.9 percent similar to the virus found in Wuhan city. At the same time, he also feared that the mutation of the virus would change its genetic structure.
According to the newspaper report, “It is not only in India that the genetic structure of the corona virus is being found uniform. This virus is being found to be very similar all over the world. For this reason, it is believed that the corona virus does not have the properties of rapidly changing genetic structure like other viruses like influenza. For this reason, if a vaccine is made to prevent this virus or if an effective drug is developed for the patients affected by it, it will be effective for a long time.
ICMR scientists say that it is too early to say anything about this virus. The newspaper writes that a conclusion can be reached only after tracking the corona virus for a long time.