
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर शराब की दुकाने बंद करने को कहा गया. और लॉकडाउन के दौरान शराब की होम डिलिवरी शुरू करने को कहा गया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आदेश पारित नहीं करेंगे लेकिन साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए शराब की होम डिलिवरी पर विचार करना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर याचिकाकर्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन हो लगा हुआ है, महामारी कम फैले इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है लेकिन शराब की दुकाने खुलने पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कोरोना को रोकने के लिए सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि शराब की बिक्री दुकानों पर न हो बल्कि इसकी होम डिलिवरी की व्यवस्था होनी चाहिए.

याचिकाकर्ता का कहना है शराब की दुकाने कम खुली है और शराब खरीदने वालों की संख्या ज्यादा है जिसके कारण शराब की दुकानों पर भीड़ ज्यादा है और लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे है. इसलिए इन दुकानों को बंद करके शराब की होम डिलीवरी करनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा आप रिट के जरिये हमसें क्या चाहते हैं? तब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हम आम आदमी के जीवन की रक्षा चाहते हैं हम चाहते हैं कि शराब के कारण जो भारी भीड़ हुई है उस पर रोक लगाई जाए. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं करेंगे. लेकिन राज्य सरकारें सोशल डिस्टेंसिंग के मकसद को पूरा करने के लिए शराब की होम डिलिवरी पर विचार करे.
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