
रंगों का त्योहार होली में अब कुछ ही दिन रह गए हैं। इसको लेकर लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है। बात चाहे पकवान बनाने की हो या फिर रंगों और पिचकारियों की खरीदारी की, सभी तैयारियों में लगे हैं। होली का बाजार भी सज कर तैयार हो चुका है। रंगों की खरीदारी की बात आती है, तो हमारी टेंशन इस बात को लेकर बढ़ जाती है कि हम असली रंगों की पहचान कैसे करें!
हम सभी जानते हैं कि बाजार में कई तरह के केमिकल वाले रंग बिकते हैं, जिससे होली खेलने पर हमारी त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में हमें हर्बल रंगों का चुनाव करना चाहिए। अब चुनौती ये है कि हर्बल रंगों की पहचान कैसे करें। रंगों की खरीदारी करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे दुकानदार हमें केमिकल युक्त रंग देकर ठग ना पाए।
- पैकेजिंग को जांचें
रंग खरीदते वक्त उसकी पैकेजिंग की अच्छे से जांच करें। पैकेजिंग पर रंगों को बनाने में उपयोग हुई सामग्रियों को ध्यान से पढ़ें। अगर उसमें यह लिखा है कि रंग का निर्माण गुलाब, हल्दी, आदि सामग्रियों को लेकर किया गया है, तो वह कलर नैचुरल होगा। आप उसे खरीद सकते हैं।
रंगो को ध्यान से देखकर उसका चुनाव करें

केमिकल वाले रंगों में स्पार्कल होता है, जिससे ये रंग काफी चमकीले दिखते हैं। चमकीलेपन से इसका पता दूर से ही देखकर लगाया जा सकता है। ऐसे में खरीदारी के दौरान आप रंगों को हाथ में उठाकर देखें कि उसमें स्पार्कल तो नहीं है। नैचुरल कलर हल्के होते हैं। डिब्बाबंद रंगों के बारे में पता करना है कि यह नैचुरल है या नहीं, तो आप इस बाबत दुकानदार से पूछ सकते हैं।
- पैच टेस्ट
अगर आपको पता करना है किन-किन रंगों के प्रयोग से आपकी त्वचा पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में आप अपना स्किन पैच टेस्ट करवाइए। इससे आप को पता चल जाएगा किस तरह के रंगों से आपकी स्किन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- एक्सपायरी डेट को जरूर करें चेक
रंगों की खरीदारी के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखिए कि उस पर एक्सपायरी डेट लिखी हुई है या नहीं। आमतौर पर नैचुरल रंगों में प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसकी एक्सपायरी डेट 6-7 महीने की होती है।