
जर्मन जूता कंपनी, सत्यकेतन समाचार : वैश्विक महामारी कोविड-19 के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. जर्मनी की कंपनी कासा ऐवर जिम्ब अपना लाखों डॉलर का जूता निर्यात कारोबार चीन से हटा कर भारत ला रही है. भारत की जूता निर्यातक कंपनी आई ट्रैक और जर्मनी की कंपनी कासा ऐवर जिम्ब (Casa Everz Gmbh) के बीच इस बारे में एक समझौता हुआ है.
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भारत में बनने जा रहे इस ब्रांड का नाम है वॉन वैल्स जर्मनी- 5 जोन (Von wellx Germany-5 zone). भारत में कंपनी के आने से 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और करोड़ों डॉलर का बिजनेस होगा.
आगरा में लगेगा प्लांट
जर्मन कंपनी कासा ऐवर जिम्ब ने उत्पादन चीन के स्थान से हटाकर भारत में करने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश सरकार कंपनी को सहयोग के लिए तैयार है. फुटवियर क्षेत्र में यह पहला समझौता है जो जर्मन तकनीक और भारतीय जनसंख्या को ध्यान में रखकर किया गया है. इसमें मुख्य बात तकनीक की है, जो भारत में अभी तक उपलब्ध नहीं है. यह पूरी तरह से निर्यात इकाई होगी और इससे भारत के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. इससे ना केवल भारत की साख बढ़ेगी बल्कि विदेशी मुद्रा भी मिलेगी. कंपनी के लिए यूपी के आगरा में एक प्लांट लगाया जाएगा. यह कंपनी सेहत दुरुस्त रखने वाले जूते बनाती है.
जर्मन कंपनी कासा ऐवर जिम्ब का भारत की आई ट्रैक कंपनी से समझौता हुआ है समझौता के मुताबिक आई ट्रैक कंपनी इस जर्मनी कंपनी का माल बनाएगी और उस माल पर क्वालिटी कंट्रोल जर्मन की कंपनी का ही रहेगा. आई ट्रैक कंपनी के मालिक इस समझौता के होने के बाद फैक्ट्री को आगरा में ही लगाना चाहते हैं और भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार से उनकी सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं.
यूपी सरकार सहयोग को तैयार
उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदय भान सिंह ने कहा, ‘मेरे लिए खुशी की बात है कि कंपनी भारत आ रही है. वह भी उत्तर प्रदेश आ रही है और उत्तर प्रदेश में आगरा आ रही है. हमारी सरकार हर स्तर पर सहयोग करेगी.
आई ट्रैक कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ आशीष जैन ने कहा, ‘कोविड 19 के मध्य नजर रखते हुए और उसकी परेशानियों को देखते हुए पूरी दुनिया का बिजनेस सिनेरियो चेंज हो रहा है उसने अपना चाइना का बिजनेस इंडिया में लाने के लिए हमारे साथ करार फाइनल कर लिया है.’
वॉन वैल्स जर्मनी एक जर्मन ब्रांड है जो ‘5 जोन तकनीक’ पर आधारित है, 5 जोन नाम से महिला और पुरुष के जूते चप्पल सैंडल बनाकर यूरोपीय बाजार में करोड़ों डॉलर का व्यापार करती है. भारत में यह काम वन विलेज जर्मन के नाम से किया जा रहा है. आगरा में उत्पाद होने वाला वन विलेज जर्मन घरेलू और निर्यात का काम पहले से भी कर रहा है. इसमें जूते का निर्माण आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया जाता है.
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