LAFDA Film: ‘लफड़ा’ फ़िल्म में प्यार की सजा मौत

LAFDA Film: ‘लफड़ा’ फ़िल्म में प्यार की सजा मौत

पिता – पुत्र के रिश्ते में बनावट नहीं होती : विकास बालियान

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। राजलक्ष्मी बैनर तले बनी फ़िल्म ‘लफड़ा’ और यूट्यूब के ‘धाकड़ वर्ल्ड’ चैनल पर रिलीज की गई. यह फिल्म कई प्रकार से दर्शकों को रोमांचित करती रही है. फ़िल्म ने कभी गुदगुदाया गया तो दर्शकों की आंखे गीली भी हुई. फिल्म ‘लफड़ा’ आखिरकार यूट्यूब पर प्रदर्शित हुई. फिल्म दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ कहानी से ऐसा जोड़ा के कई लोग फिल्म देखकर भावुक ही नहीं हुए बल्कि कई तो रोने भी लगे.

अब तक प्रोडक्शन देखने वाले मोनू धनकड़ ने फिल्म में बहुत ही शानदार अभिनय किया है. उनके द्वारा की गई पागल की भूमिका बिल्कुल जीवंत है. उनके चेहरे के हाव भाव संवाद से दर्शक कई बार हिल जाता है. और अभिनेत्री के किरदार में पायल भी बेपनाह प्यार करती हैं लेकिन फ़िल्म में प्यार का मतलब धोखा नहीं प्यार दिखाया गया है.

अभिनेत्री किरदार निभा रही रूबीना व अभिनेता का किरदार निभा रहे मोनू को देखते ही देखते आपस मे प्यार हो जाता है. जब परिजनों को इस बात का पता चलता है तो रुबीना को प्यार की सजा मौत मिलती है

आपको बता दे कि मोनू, रुबीना के प्यार तड़पता फिरता है. जब रुबीना कहीं दिखाई नहीं देती तो मोनू आपने प्यार से मिलने के लिए उनके घर पर ही पहुँच जाता है. लेकिन रुबीना के भाइयों द्वारा मोनू को मारने के इरादे से सिर में डंडा मार देते हैं और उनके घर के सामने फेंक देते है.

लेकिन वह मरता नहीं हाँ वह रूबीना के प्यार में पागल हो जाता है. अपनी याददाश्त भूल जाता है. फिल्म में मुजफ्फरनगर के सुपर स्टार अभिनेता विकास बालियान एक बार फिर अपनी दमदार और धाकड़ पिता की भूमिका में अपने किरदार से न्याय करते नजर आए है.

फिल्म में जहां ‘ऑनर किलिंग’ को दिखाया गया तो वहीं जल्दबाजी में लिए गए निर्णय से परिवार किस तरह खत्म हो जाते हैं यह भी प्रदर्शित किया गया. जल्दबाजी में कोई भी निर्णय लेना गलत है और से कितना नुकसान होता है यह फिल्म का एक बड़ा संदेश है. फ़िल्म में ये भी दिखाया गया की पिता पुत्र का रिश्ता ऐसा है जिसमें दिखावट नहीं होती, दोनों एक दूसरे के प्रति समर्पित तो होते हैं परन्तु अपने भावों को कभी एक दूसरे को प्रदर्शित नहीं कर पाते.

फिल्म में मां की भूमिका में संतोष जांगरा ने जबरदस्त कमाल किया खासकर पति की मृत्यु के बाद गुमसुम सी महिला की भूमिका में तो उन्होंने लोगों को रोने को मजबूर कर दिया.

फ़िल्म ‘लफड़ा’ की कहानी विवेक शर्मा ने एक – एक डायलॉग में जो दर्द बयां किया है, वह दिल और दिमाग को झकझोर – कर रख देने वाले है. फ़िल्म में दर्शया भी गया है. कि परिवार में रहन – सहन कैसे होता है और बच्चों की परवरिश कैसे की जाती है.

गीतों के बोल राजीव अजनबक ने लिखे. फिल्म के लोगों की जुबान पर चढ़ चुके एक मात्र गीत ‘तेरे सिवा रब से दुआ क्या मांगू… तू ही ना मिले तो बता क्या मांगू…’ को राजू मलिक ने अपने स्वर दिए.

‘लफड़ा’ फिल्म का हरियाणवी-देहाती फिल्म धाकड़ वर्ल्ड प्रोडक्शन से जुड़े लोगों ने काफी प्रचार – प्रसार किया था और कई मंत्रियों ने भी इसके पोस्टर को लांच किया था. यह फिल्म में धाकड़ छोरा उत्तर कुमार का हालांकि रोल कम है और वह मेहमान कलाकर के तौर पर दिखाई दिए परंतु फिल्म का ताना बाना उन्ही के इर्द – गिर्द है.

राजीव सिरोही ने एक कट्टर मुस्लिम जमालुद्दीन की भूमिका को जबरदस्त तरीके से जिया.
उन्होंने जमालुद्दीन के किरदार को इस तरह उभरा के दर्शक सहभ से गए. सुरजीत सिरोही प्रिंसिपल के किरदार में जमे तो वहीं राजेंद्र कश्यप हमेशा की तरह दर्शकों को गुदगुदाने में कामयाब रहे.

वहीं, हीरो के दोस्त की भूमिका में दिखे अमित सहोता ने दोस्ती का फर्ज निभाकर दर्शको को बता दिया कि दोस्ती हमेशा सच्ची होती है और दोस्ती में कोई स्वार्थ नहीं होता और कॉलेज में छात्र – छात्राओं को क्या परेशानी का सामना करना पड़ता है और मोनू धकड़ व अमित सहोता ने अपनी लगन से उन सभी परेशानियों के डटकर सामना किया.

फिल्म अभिनेत्री और हरियाणा की जानी-मानी कलाकार आरजू ढिल्लों को भी पसंद किया गया, प्रिया सिंधु, सपना चौधरी, ज़िया चौधरी, वर्षा उपाध्याय सारिका भी फिल्म में अपनी अपनी भूमिका को अच्छी तरह निभाने में सफल रहे. बिजेंद्र सिंह, जेके माहुर आदि भी नजर आए. वहीं रतन लाल ‘जानू’, रवि मलिक, शिवांक बालियान भी फ़िल्म में दिखाई दिए.

फिल्म का निर्देशन प्रताप धामा और विवेक शर्मा ने किया. कैमरामैन रवि कुमार और पंकज तेजा रहे, एडिटिंग हरीश चन्द्रा व मेकअप मैन लकी अली रहे.