
नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। डॉ. केशव देव का जन्म पलवल (हरियाणा) में दिनांक 15 सितंबर 1979 को हुआ। आपने राष्ट्रीय-संस्कृत-संस्थान नई दिल्ली (केंद्रीय विश्वविद्यालय) से शास्त्री, शिक्षा-शास्त्री, साहित्याचार्य और विद्यावारिधि की उपाधि प्राप्त की। आप अपने विद्यार्थी जीवन में शास्त्री की त्रिवर्षीय परीक्षा में राष्ट्रीयस्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करके सन् 1999 में स्वर्ण पदक अलंकृत हुए। इसके बाद श्री जगन्नाथपुरी उड़ीसा से सन् 2000 में सर्वोच्च अंक प्राप्त करके शिक्षा-शास्त्री की परीक्षा उत्तीर्ण की।
सन् 2001 में आपने हरियाणा सरकार के राजकीय विद्यालय में संस्कृत शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की, वहां कुशलतापूर्वक अध्यापन करने के साथ-साथ आपने केंद्रीय विद्यालय संगठन की राष्ट्रस्तरीय प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कार में अपनी योग्यता सिद्ध करके सन् 2002 में केंद्रीय विद्यालय वायुसेना केंद्र कार-निकोबार (अंडमान निकोबार) में संस्कृत शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की, कठिन और दुर्गम स्थल होने पर भी आपने सन् 2004 में एम.ए. हिंदी की परीक्षा आगरा विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की और अध्ययन-अध्यापन में रुचि लेते हुए आप विद्यार्थियों के और अपने साथी शिक्षकों के प्रिय एवं आदरणीय बने रहे।
सन् 2011 में आपने यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) उत्तीर्ण की और सर्वप्रथम 2012 में आपकी पहली पुस्तक कथा-कौतुकम् प्रकाशित हुई जिसके माध्यम से आपने कहानियों की दुनिया में ले जाकर विद्यार्थियों को नैतिकता और मानवीय गुणों का पाठ पढ़ाया। इसके बाद तो जैसे आपकी लेखनी ने निरंतर साहित्य साधना करने का संकल्प ही ले लिया और आज 2022 तक आपकी कुल 11 पुस्तकें 14 शोध पत्र एवं लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
सन 2017 में अपने ज्ञानकोश को पुनः समृद्ध करने के लिए आपने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र से एम. ए. संस्कृत की परीक्षा में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इसके साथ-साथ कोरोना काल में विद्यार्थियों को पढ़ाई के नुकसान से बचाने के लिए सन 2019 और बीच 2020 में आपने साक्षात् पढ़ाते हुए 105 से अधिक विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी शिक्षण वीडियो बनाकर यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किए हैं।
सन 2021 में आपने श्री रमेश पोखरियाल पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार की हिंदी काव्य पुस्तक का संस्कृत अनुवाद कर विलक्षण सृजन का उदाहरण प्रस्तुत किया। संस्कृत साहित्य में आपकी सृजन क्षमता को सम्मानित करते हुए हरियाणा संस्कृत अकादमी ने महाकवि बाणभट्ट पुरस्कार से अलंकृत करने के लिए आपका चयन किया। आप अपनी सभी कृतियों का श्रेय हमेशा अपने गुरुदेव प्रोफेसर भागीरथी नंद महोदय (संकाय प्रमुख एवं प्रोफेसर श्री लाल बहादुर राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली) को प्रदान करते हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि आप एक अच्छे शिक्षक होने के साथ-साथ सुयोग्य विद्यार्थी भी हैं।