सत्यकेतन समाचार: दिल्ली में तमाम कोशिशों के बावजूद हवा में जहर यानी वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित सीमा से 16 गुणा बढ़ गया. दिवाली के पटाखों से राजधानी दिल्ली फिर जहरीले धुएं से आगोश में आ गई। सोमवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 306 रिकॉर्ड किया गया.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का व्यापक डेटा बताता है कि दिवाली पर सबसे खतरनाक पॉल्यूटेंट (PM2.5) के स्तर में कैसे तेज बढ़ोत्तरी हुई. दिल्ली में जागरूकता की मुहिम के बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े और आतिशबाजी की गई।
रविवार को रात 11 बजे के आसपास आरके पुरम, पटपड़गंज, सत्यवती कॉलेज, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अधिकतम 999 के स्तर पर पहुंच गया था, जिसके बाद इसकी रीडिंग करना ही फिलहाल मुमकिन नहीं है. AQI से हवा में मौजूद PM2.5, PM10, सल्फर डाई ऑक्साइड और अन्य पॉल्यूटेंट पार्टिकल्स के कंसन्ट्रेशन लेवल का पता चलता है.
2018 में घई और साने ने रिपोर्ट मे बताया- ‘दो दिन के अंतराल में दीवाली से PM2.5 पार्टिकुलेट कंसन्ट्रेशन में 40 μg/m3 की बढ़ोत्तरी हुई. हालांकि ये आंकड़ा अपने आप में छोटा लगता है, लेकिन अगर इस दौरान पहले से ही हवा की खराब क्वालिटी को देखा जाए तो ये बड़ा है.’ सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर बैन के आदेश, दिल्ली सरकार की अपील और जागरूकता की तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली के लोगों ने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. पटाखों को बड़े पैमाने पर फोड़ने से 2.5 माइक्रोन्स से कम के अल्ट्रा फाइन पार्टिकल दिल्ली की हवा में भर दिए. इससे सांस लेना, खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को मुश्किल हो गया.
दिल्ली में वायु प्रदूषण को काबू में रखने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 से 15 नवंबर तक वाहनों के लिए ‘ऑड-इवन’ फॉर्मूला लागू करने का ऐलान पहले से ही कर रखा है.