Depression सत्यकेतन समाचार: हम सब ज़िंदग़ी में कभी न कभी थोड़े समय के लिए नाख़ुश होते हैं मगर डिप्रेशन यानी अवसाद उससे कहीं ज़्यादा गहरा, लंबा और ज़्यादा दुखद होता है. इसकी वजह से लोगों की ज़िंदगी से रुचि ख़त्म होने लगती है तो आइये जानते है अवसाद है क्या ? लक्ष्ण है अवसाद के ? कैसे मदद करे हम उन लोगो की जो अवसाद में मर मर के जी रहे है?
अवसाद या डिप्रेशन क्या है
असल में यह एक ऐसा रोग है जो शारीरिक रूप से स्वस्थ होने पर भी जानलेवा साबित हो सकता है. अवसाद या डिप्रेशन को झेल रहे किसी व्यक्ति द्वारा खुदकुशी या आत्महत्या (Suicide) जैसी खबरें अक्सर देखने और सुनने को मिलती हैं. ऐसा क्यों होता है. कोई हंसता खेलता शख्स अवसाद के कारण जान (Suicidal Thoughts) दे देता है. डॉ कोमल चंदिरामानी का कहना है कि अक्सर लोगों को लगता है कि अवसाद किसी एक बात को लेकर होने वाला छोटा-मोटा तनाव (Stress) है, जो एकदम से किसी के मन को और दिमाग में इस तरह के विकल्प को पैदा कर देता है, लेकिन ऐसा नहीं. असल में तनाव या अवसाद जिसे अंग्रेजी में डिप्रेशन (Depression) कहा जाता है, धीरे-धीरे विकसित होता है.
अंतर्राराष्ट्रीय योग दिवस: जानें योग के फ़ायदे एवं सावधानियां
अक्सर सुनने में आता है कि अगर असवाद से जूझ रहे इंसान को सही तरह से समय दिया जाए और उसकी बात सुनी जाए तो अनहोनी को टाला जा सकता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर समझा कैसे जाए कि आपका कोई करीबी, दोस्त या रिश्तेदार चुपचाप डिप्रेशन के कड़वे घूंट पी रहा है जानते हैं उन लक्षणों के बारे में जिससे कि आप डिप्रेशन को पहचान सकें-
कैसे पहचानें डिप्रेशन या अवसाद के लक्षणों को?
1. डिप्रेशन को बातों से और सोच से समझा जा सकता है. इसे इस तरीके से समझें कि जो एक व्यक्ति सामान्य रूप से जीवन के बारे में महसूस करता है. अगर आपके दोस्त, करीबी या रिश्तेदार निराशाजनक दृष्टिकोण, आत्म घृणा और अनुचित अपराध बोध जैसी बातें करते हैं, तो यह अवसाद का संकेत हो सकता है. वह इस तरह कि बातें कर सकते हैं कि ‘मुझे खुद से नफरत है’, ‘यह मेरी सारी गलती है’, ‘मैं बेकार हूं’, ‘जीवन व्यर्थ है’. इस तरह की बातें अगर वे बार-बार करते हैं, तो उनके साथ बैठकर बात करें.
2. डिप्रेशन उन चीजों से आनंद या खुशी निकाल सकता है, जो व्यक्ति को करना पसंद है. अगर आप देखे कि आपका दोस्त या प्रियजन वह काम अब नहीं करता, जो उन्हें पहले पसंद थे- जैसे खेल, म्यूजिक, डांस या कोई भी ऐसा काम जिसे करने में पहले वह खुश होते हैं, लेकिन आजकल उससे दूर भागते हैं, तो यह अवसाद का संकेत हो सकता है.
3. अवसाद ऊर्जा या थकान की कमी के साथ आता है. इसे ‘बहुत कम’ या ‘बहुत अधिक’ नींद से जोड़ा जा सकता है. अगर उन्हें हर समय थका हुआ और अनुचित नींद पैटर्न की शिकायत है, तो यह अवसाद का संकेत हो सकता है.
4. अनियंत्रित भावनाएं भी अवसाद का संकेत हैं. यदि आप पाते हैं कि एक मिनट में, वह व्यक्ति गुस्से में है और अगले मिनट में रो रहा है, तो यह अवसाद का संकेत हो सकता है.
5. खुद पर विश्वास कम होना अवसाद का संकेत है. अवसादग्रस्त लोग अपने और अपने भविष्य के बारे में बुरा महसूस करते हैं. यदि आपके प्रियजन में आत्मविश्वास और आशावाद की कमी है, तो यह अवसाद का संकेत हो सकता है.
डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति की मदद कैसे करें?
1. उन्हें यह समझने में मदद करें कि यह एक ‘मेडिकल स्थिति’ है और ‘व्यक्तिगत कमजोरी’ नहीं है. उन्हें इलाज के लिए प्रोत्साहित करें.
2. कुछ एक्टिविटी शेड्यूल करें. उनमें अपने दोस्त को शामिल करें. ऐसी एक्टिविटी प्लान करें जो उन्हें पसंद हों और उन्हें दुनिया के साथ फिर से जुड़ने में मदद करें.
3. उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को दूसरों के साथ व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें.
4. सकारात्मक पर जोर दें. अपने प्रिय व्यक्ति को उसके सकारात्मक गुणों के बारे में याद दिलाएं और वह व्यक्ति दूसरों के जीवन में कितना महत्वपूर्ण है.
5. कई लोगों के लिए, अवसाद से निपटने के लिए विश्वास महत्वपूर्ण है. अपने प्रियजन को आध्यात्मिक प्रथाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें या उन्हें आध्यात्मिक विश्वास प्रणाली विकसित करने में मदद करें.