नई दिल्ली। जनता कर्फ्यू के दौरान रैन बसेरा में रह रहे लोगों को मुश्किलों हुई हो, लेकिन देश में कोरोना संक्रमण से लड़ाई जारी है। रैन बसेरा में रहने वाले लोगों ने कहा कि यदि एक दिन भूंखे रहने की भी जरूरत हुई तो करेंगे, ताकि किसी परिवार को इस बीमारी से न जूझना पड़े।
रैन बसेरा में रहने वाले अधिकतर लोग रोजाना काम करने के बाद लौटते हुए रेहड़ी पर खाना खाते हैं, लेकिन कर्फ्यू के दौरान वह खाने के लिए करीब 12 बजे तक इंतजार करते नजर आए। रैन बसेरा में रहने वाले जरनैल सिंह और सुरेंद्र को खाना भेजे जाने का इंतजार था।
रोजाना काम करने के बाद लौटते वक्त बाहर से खाना खाकर आते हैं, लेकिन कर्फ्यू के दौरान कोई विकल्प नहीं है। सभी दुकानें बंद हैं, लेकिन इस पहल से अगर देशवासियों को संक्रमण से बचाया जा सकता है तो खाने का इंतजार करने के लिए तैयार हैं।