दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना संक्रमितों के मिलने से पूरे देश में सनसनी मची हुई है। मरकज में शामिल छह लोगों की तो तेलंगाना में मौत भी हो चुकी है। यहां से निकाले गए 24 लोग संक्रमित पाए गए हैं।
441 संदिग्धों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। चिंता कि बात ये है कि मरकज में शामिल लोग उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों में पहुंच चुके हैं। अब प्रशासन इनकी तलाश में जुटा है, ताकि इन्हें तुरंत क्वारंटीन किया जा सके। इतनी बड़ी संख्या में मरकज से संक्रमितों के पाए जाने के बाद ये जानना जरूरी है कि तबलीगी जमात में शामिल लोग कहां-कहां से दिल्ली पहुंचे थे। इसका क्या इतिहास है और ये कैसे काम करता है।
लॉकडाउन की उड़ीं धज्जियां
भारत में तब्लीगी जमात का मुख्य ऑफिस दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन दरगाह के पास मरकज के नाम से है। यहां पर कुछ समय से तबलीगी जमात के लोग जुटते रहे और धार्मिक कार्यक्रम (जलसा) भी हुआ। कोरोना वायरस संकट के बीच अब जमात चर्चा में है और सवाल उठ रहे हैं कि कानून की धज्जियां उड़ाते हुए इसने जलसे का आयोजन आखिर किया कैसे? लॉकडाउन और धारा 144 के बीच कैसे यहां भीड़ जुटती रही?
मरकज में करीब 1746 लोग रहे थे
आज गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि 21 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन मरकज में लगभग 1746 लोग रहे थे। इनमें से 216 विदेशी और 1530 भारतीय थे। इसके अतिरिक्त लगभग 824 विदेशी 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में तबलीग गतिविधियां कर रहे थे। इन लोगों को ढूढ़ना भी एक चुनौती बन गया है। वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब तक 1548 लोगों को मरकज से बाहर लाया गया है, उनमें से 441 में कोरोना के लक्षण दिखे थे। उन्हें अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है और उनके टेस्ट किए जा रहे हैं। जिन 1107 में लक्षण नहीं दिखे उन्हें क्वारंटाइन में भेजा गया है।
अलग-अलग राज्यों से 1530 लोग
जानकारी के मुताबिक, मरकज में शामिल करीब 1530 लोग भारतीय नागरिक हैं। इनमें से तमिलनाडु के करीब 500, असम के करीब 216, यूपी के करीब 156, महाराष्ट्र के करीब 108, मध्यप्रदेश के करीब 107, बिहार के करीब 86, पश्चिम बंगाल के करीब 73, तेलंगाना के करीब 55, झारखंड के करीब 40, कर्नाटक के करीब 40, उत्तराखंड के करीब 30, हरियाणा के करीब 20, अंडमान निकोबार के करीब 21, राजस्थान के करीब 19, हिमाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा के करीब 15-15, पंजाब के करीब नौ और मेघालय के पांच लोग हैं। अब केंद्र, राज्य सरकारों और इंटेलीजेंस के लिए इन्हें ढूंढ निकालना बड़ी चुनौती है। अगर एक-एक की स्वास्थ्य जांच नहीं हुई तो ये कितना घातक साबित होगा बताने की जरूरत नहीं है।
राज्य | कितने लोग (लगभग) |
तमिलनाडु | 500 |
असम | 216 |
यूपी | 156 |
महाराष्ट्र | 108 |
मध्यप्रदेश | 107 |
बिहार | 86 |
पश्चिम बंगाल | 73 |
तेलंगाना | 55 |
झारखंड | 40 |
कर्नाटक | 40 |
उत्तराखंड | 30 |
हरियाणा | 20 |
अंडमान निकोबार | 21 |
राजस्थान | 19 |
हिमाचल प्रदेश | 15 |
केरल | 15 |
ओडिशा | 15 |
पंजाब | 9 |
मेघालय | 5 |
भोपाल में 36 लोगों की पहचान
हालांकि, इस बीच खबर आई कि भोपाल से मरकज में शामिल होने आए 36 लोगों की पहचान हो गई है। इन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है। परीक्षण के लिए सभी के सैंपल ले लिए गए हैं। यह जानकारी भोपाल के कलेक्टर तरुण पिथोडे ने दी।
वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इसे लेकर पूरी तरह सावधान हैं। शिवराज कहा कि मैंने उन सभी 107 लोगों की पहचान के आदेश दिए हैं जो मरकज में शामिल हुए थे। पुलिस ने इनमें से कुछ की पहचान कर ली है और इन्हें क्वारंटीन केंद्र भेजा जा रहा है। बाकी लोगों की तलाश जारी है।
तमिलनाडु में 45 संक्रमितों की पुष्टि
वहीं, तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव नीला राजेश ने जानकार दी है कि तमिलनाडु के 45 लोग जो दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए थे, उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।