CPEC:  क्यों भारत Cpec में शामिल नहीं हो रहा है…

CPEC: क्यों भारत Cpec में शामिल नहीं हो रहा है…

  • CPEC: चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर

चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या सीपीईसी चीन का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन जैसे विवादित इलाको से होकर गुजरता है। भारत इस प्रोजेक्ट का विरोध करता है क्योंकि यह पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। मुख्य तौर पर यह एक हाइवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वारदर पोर्ट से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में बंदरगाह, हाइवे, मोटरवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पावर प्लांट्स के साथ दूसरे इंफ्रस्क्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को डेवलप किया जाएगा।

CPEC

  • कौन सा बेल्ट, कौन सी रोड?

आज से 2000 साल पहले सिल्क रोड चीन को मध्य एशिया से होते हुए यूरोप तक जोड़ता था. इस रोड से उस ज़माने में काफी व्यापार होता था, अलग-अलग संस्कृतियों के लोग एक-दूसरे से मिलते थे. चीन उसी तरह का एक रूट आज ज़िंदा करना चाहता है, जिस पर चल कर उसका व्यापार और प्रभाव दोनों दुनियाभर में पहुंच सके. इसे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है.

  • OBOR 

OBOR एक तरह से आधुनिक सिल्क रूट ही है. लेकिन ये एक रोड बस नहीं होगी. इसमें चीन को अफ्रीका, यूरोप और एशिया के देशों से जोड़ने के लिए हाइवे, रेल लाइनें, पाइपलाइनें और बिजली की ट्रांसमिशन लाइन – सब बनाई जाएंगी. मतलब औद्योगिक विकास के लिए ज़रूरी सारी चीज़ें. इसमें समंदर वाले रूट भी होंगे. इसके लिए चीन आस-पड़ोस के देशों के साथ करार कर रहा है, वैसा ही जैसा 12 मई को नेपाल के साथ हुआ. अब चीन इन प्रोजेक्ट्स में निवेश करेगा. इससे चीन को दोगुना फायदा होगा. उसका सामान पूरी दुनिया में पहुंचेगा और वो किसी प्रोजेक्ट के चल निकलने पर उसे अपने निवेश पर रिटर्न भी मिलेगा.

  • भारत को CPEC से क्या दिक्कत है?

OBOR से भारत के कतराने की सबसे बड़ी वजह है चाइना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर CPEC, OBOR का ही एक हिस्सा है. अभी चीन से चलने वाला सामान समंदर के रास्ते भारत और श्रीलंका का चक्कर लगाकर मध्य एशिया और आगे तक जाता है. CPEC चीन को ज़मीन के रास्ते पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा. ग्वादर ईरान की सीमा के पास है. चीन का सामान रेल और सड़क के रास्ते ग्वादर पहुंचेगा और वहां से आगे समंदर के रास्ते अफ्रीका और यूरोप तक जाएगा, बिना भारत का चक्कर लगाए. भारत को इस प्रोजेक्ट के उस हिस्से से दिक्कत है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुज़रता है. भारत समय-समय पर CPEC के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराता रहा है. लेकिन चीन और पाकिस्तान ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. यही वजह है कि भारत CPEC के साथ ही OBOR के भी खिलाफ है.

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