Covid19: चीन के बाहर कोरोनावायरस के सबसे बड़े हॉट-स्पॉट ईरान, दक्षिण कोरिया और इटली बताए जा रहे हैं। इस वायरस से मरने वालों में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है। लेकिन सवाल उठता है कि कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों में से कितने लोगों की मौत हो रही है।
शोधार्थियों की मानें तो कोरोनावायरस से संक्रमित प्रति एक हजार व्यक्तियों में से नौ व्यक्तियों की मौत होने की आशंका है। लेकिन कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद किसी व्यक्ति की मौत होने या उसका बच जाना तमाम अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है।
इन कारकों में संक्रमित व्यक्ति की उम्र, लिंग, उसका सामान्य स्वास्थ्य और वह जिस देश में रहता है वहां का स्वास्थ्य तंत्र शामिल हैं।
मृत्यु दर निकालना कितना मुश्किल है?
कोरोनावायरस से संक्रमण के बाद कितने लोगों की मौत होती है, ये निकालना बहुत मुश्किल है। ऐसे मामलों में अक्सर ऐसा होता है कि वायरस से संक्रमण के ज्यादातर मामले स्वास्थ्य तंत्र की नजरों से ओझल रहते हैं।
क्योंकि संक्रमित होने वाले लोगों में लक्षण काफी सामान्य होते हैं जिस वजह से वे डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। दुनिया भर में इस समय कोरोनावायरस से जुड़ी मृत्यु दर अलग अलग बताई जा रही हैं। लेकिन इसके लिए वायरस की अलग-अलग किस्में जिम्मेदार नहीं हैं।
इंपीरियल कॉलेज के शोध के मुताबिक, कोरोनावायरस की अलग-अलग मृत्यु दरें इसलिए सामने आ रही हैं क्योंकि अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य तंत्रों की आसानी से नजर में न आने वाले मामलों का पता लगाने में दक्षता अलग-अलग है।
आम आदमी को कितना खतरा है?
कोरोना वायरस की वजह से बुजुर्गों, पहले से बीमार और पुरुषों के मरने का खतरा ज्यादा है। चीन के 44000 मामलों के पहले विश्लेषण में सामने आया है कि कोरोना वायरस से बुजुर्गों के मरने की दर मध्य-उम्रवर्ग के लोगों की तुलना में दस गुना ज्यादा था।