Corona Crisis: कोरोना के लक्षण भारत में दिखने बाद भी होता रहा निर्यात। कोरोना के लक्षण भारत में दिखने लगे लेकिन सरकार ने चिकित्सा सामानों के निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाई।
सरकार सामान का कर रही थी निर्यात
कंपनियों का कहना है कि महामारी के लक्षण भारत में दिखने लगे लेकिन सरकार ने इन चिकित्सा सामानों के निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाई थी. मार्च महीने की 24 तारीख़ को ही सरकार ने निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाने का फ़ैसला लिया. इस फ़ैसले में वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनियों को भी शामिल किया गया है. ‘एचएलएल लिमिटेड’ ही निजी कंपनियों से ये सामान ख़रीदता था और फिर वो उसे सरकार और दूसरे अस्पतालों को भेजता था. मगर अब निजी कंपनियों की मदद भी ली जा रही है.
लेकिन अभी तक भारत में इस महामारी से पीड़ित लोगों की चिकित्सा में लगे लगे डॉक्टरों ने रह-रहकर सरकार को भयावह होती स्थिति के बारे बाताया. कई डॉक्टरों ने अपने वीडियो भी बनाकर सरकार को स्थिति बताने की कोशिश की. उनका कहना था कि जिस जंग को लड़ने के लिए उन्हें मैदान में उतारा गया है उसके लिए पर्याप्त संसाधन दिए ही नहीं गए हैं.
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डबलूएचओ का कहना है कि सिर्फ़ लोगों पर प्रतिबन्ध या लॉकडाउन से इस समस्या का समाधान नहीं होगा. इस महामारी से तभी निपटा जा सकता है जब ज़्यादा से ज़्यादा लोगों का परीक्षण हो और उनका इलाज हो. सरकार ने रक्षा मंत्रालय के अधीन ऑर्डिनेंस फ़ैक्ट्री से भी मदद मांगी है जहां कुछ मास्क और दूसरे चिकित्सकीय सामान बन सकें. शाहजहाँपुर की ऑर्डिनेंस फ़ैक्ट्री में भी मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया गया है इसके अलावा इनके उत्पादन में भारतीय रेल की भी मदद ली जा रही है.
पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट यानी पीपीई बनाने की शुरुआत
Corona Crisis: भारत में कोरोना वायरस के मामलों से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर ‘टेस्टिंग किट’ बनाने के अलावा मास्क, वेंटिलेटर और स्वास्थ सेवाओं में लगे लोगों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट यानी पीपीई बनाने की शुरुआत कर दी गई है. पीपीई बनाने वाले एक कंपनी के मालिक जी.डी. अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने काफ़ी देर से ही सही, इसका निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि निर्देश आते ही काम शुरू कर दिया गया है.
चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के संगठन असोसिएशन फ़ॉर इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री का कहना है कि सरकार ने इस दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले एन-95 मास्क के उत्पादन के लिए भी रास्ता साफ़ कर दिया है. संगठनों और सरकार के बीच हुई बातचीत के बाद 15 लाख एन-95 मास्क के अलावा डाक्टरों और चिकित्सा कर्मियों के लिए इस्तेमाल में आने वाले सूट यानी – ‘हाज़मट’ बनाने के लिए भी ऑर्डर दे दिया है.
कहां आ सकती हैं दिक़्क़तें
पहले चरण में कुल 7 लाख 25 हज़ार ऐसे सूट के अलावा तीन प्लाई के दस लाख मास्क बनाने का ऑर्डर भी दे दिया गया है. जी.डी. अग्रवाल बताते हैं कि इसमें एक पेंच सिर्फ ये फँस रहा है कि जो एन-95 के मास्क इस्तेमाल में आएंगे उनके उत्पादन में कई ऐसी चीज़ें हैं जिनका आयात करना होगा. वैसे सरकार ने पीपीई के उत्पादन के अलावा मास्क के लिए टेक्स्टाइल मंत्रालय की भी मदद मांगी है जो फ़ौरन ही दस लाख के आसपास, टी प्लाई वाले मास्क का उत्पादन कर उन्हें देश के विभिन्न राज्यों को उपलब्ध कराएगा. इसको लेकर मंत्रालय ने एक नियंत्रण कक्ष के स्थापना की घोषणा की है जो इनके उत्पादन और आपूर्ति की ज़िम्मेदारी संभालेगा.
सरकार ने अब उत्पादन के काम में निजी कंपनियों को शामिल किया है ताकि आगे हालात बेक़ाबू होने लगे तो ऐसे में चिकित्सा सामानों को लेकर वैसी परेशानी का सामना ना करना पड़े, जैसी परेशानी अमरीका, इटली, स्पेन और फ़्रांस के चिकित्साकर्मियों को झेलनी पड़ी. जब इस आपदा की शुरुआत चीन में हुई थी तो भारत ने चीन सरकार को कई चिकित्सा सामान उपलब्ध कराए थे.
लेकिन चिकित्सा सामानों को उपलब्ध कराने वाले संगठन का कहना है कि सरकार की इस पहल में काफ़ी विलंब हुआ क्योंकि सरकारी उपक्रम – एचएलएल लिमिटेड के अलावा इन सामानों की बिक्री का अधिकार किसी निजी कंपनी के पास नहीं था.
Translated into English :
Corona Crisis: Export of corona symptoms even after appearing in India.
Corona Crisis: Symptoms of corona started appearing in India but the government did not ban the export of medical goods.
The government was exporting goods
Companies say that the symptoms of the epidemic started appearing in India but the government had not banned the export of these medical goods. On the 24th of March, the government decided to ban exports completely. Companies making ventilators have also been included in this decision. ‘HLL Limited’ used to buy this item from private companies and then it used to send it to the government and other hospitals. But now the help of private companies is also being taken.
But till now, the doctors engaged in the treatment of the people suffering from this epidemic in India intermittently told the government about the terrible situation. Many doctors also tried to tell the situation to the government by making their videos. They said that they have not been given enough resources to fight the battle for which they have been fielded.
However, the World Health Organization (WHO) says that a ban or lockdown on people will not solve this problem. This epidemic can be dealt with only when more and more people are tested and treated. The government has also sought help from the Ordnance Factory under the Ministry of Defense where some masks and other medical items can be made. The work of making masks has also been started in the Ordnance Factory of Shahjahanpur, besides the help of Indian Railways is also being taken in their production.
Start of making PPE ie Personal Protective Equipment
Corona Crisis: Corona Crisis: In addition to making large scale ‘testing kits’ to deal with cases of corona virus in India, PPE has been started for those engaged in masks, ventilators and health services. GD, the owner of a company that produces PPE. Aggarwal said that the government has taken a decision for quite a while. He said that work has been started as soon as the instructions come.
The Association of Medical Associations for Indian Medical Devices Industry says that the government has also cleared the way for the production of N-95 masks used during this period. After talks between the organizations and the government, in addition to 1.5 million N-95 masks, orders have also been given for making suits available for doctors and medical personnel ie ‘Hazmut’.
Where can the problems come
In the first phase, in addition to 7 lakh 25 thousand such suits, orders have also been given to make one million masks of three ply. GD Aggarwal says that a screw is only stuck in it, that the masks of N-95 will be used, there are many things that will have to be imported in their production. However, apart from the production of PPE, the government has also sought the help of the Ministry of Textile for masks, which will produce around one million tee ply masks immediately and make them available to different states of the country. In this regard, the Ministry has announced the setting up of a control room which will take care of their production and supply.
The government has now involved private companies in the work of production so that if the situation arises in the future, then it will not have to face such problems about medical goods, as medical workers of America, Italy, Spain and France had to face the problem. When this disaster started in China, India provided many medical goods to the Chinese government.
But the organization that provides medical goods says that this initiative of the government was greatly delayed because no private company had the right to sell these goods except the government undertaking – HLL Limited.