नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। दुनिया में कोरोना वायरस ने पैर पसार लिए हैं इस महामारी से लड़ने के लिए देश को एकजुट और एक साथ होना जरूरी है। कोरोना वायरस को ख़त्म करने के लिए किसी उपचार से बेहतर बचाव घर ही है। देश में लगातार कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
इस महामारी को रोकने के लिए सभी देशवासियों को 21 दिन तक अपने अपने घरों में रहने के लिए हिदायत दी गई है। यानी 21 दिन तक भारत संपूर्ण रूप से बंद रहेगा। इसी के साथ सरकार की ओर से राहत के लिए जरूरत के समान व अन्य चीजों की दुकान खोलने के लिए अनुमति दी गई। जिससे किसी भी देशवासी को अपने घर के समान के लिए परेशान ना होना पड़े। और सभी लोग अपने अपने घरों पर ही रहकर कोरोना वायरस की चैन को तोड़ सकें।
देश में लॉकडाउन के बावजूद कई जगहों पर लॉकडाउन का उल्लंघन करते हु्ए देखा गया। सभी देशवासी को समझना होगा की ये लॉकडाउन किसी ओर के लिए नहीं बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए है। इसका पालन सभी को करना होगा भारत को कोरोना मुक़्त करने के लिए देश के सुरक्षा बल, डॉक्टर्स, नर्स, सफाई कर्मचारी, पत्रकार बिना किसी स्वार्थ के देश में कोरोना महामारी को ख़त्म करने के लिए लड़ाई लड़ रहें हैं।
ये बात तो थी लॉकडाउन की जो आजकल देखा या सुना जा रहा है। अब एक नज़र उन सवालों पर डालते है जो लोगों के मन में चल रहे हैं।
- देश की मेन स्ट्रीम मीडिया अभी तक सरकार की कमियों को सामने क्यों नहीं ला रही ?
- दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में इतनी बड़ी भूल कैसे हुई ?
- कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार ने इतनी देरी क्यों की ?
- जब पहले ही कोरोना वायरस का पता चल गया था तो देश में बाहर से आए लोखों लोगों को अपने अपने घर क्यों जानें दिया ?
- कोरोना वायरस के रोकने के लिए उन सभी लोगों पर पहले से ही निगरानी क्यों नहीं की गई ?
- देश में लॉकडाउन करने में देरी क्यों की ?
- जिस तरह दिन प्रति दिन संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है उसे रोकने के लिए सरकार क्या अपनी इस तैयारी से उसे रोक सकती है ?
इन सब के बीच और भी कई सवाल सामने आ रहें है। देश के हर शख्स के दिमाग में अलग अलग सवाल चल रहें है। और इन सवालों के जवाब अभी तक उन्हें मिलें नहीं, सरकार इन सभी सवालों से बच नहीं सकती। सरकार को जवाब देना होगा वो चाहें आज हो या कल जवाब तो हर कोई मांगेगा।