लॉकडाउन के बाद पूरे देश में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन क्लासेस से हो रही हैं। छोटे बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई बोझ बन गई है।
- देहरादून
यहां के कई इलाके ऐसे हैं जहां मोबाइल का नेटवर्क नहीं आता और बच्चों को पढ़ाई के लिए कई-कई किलोमीटर दूर पहाड़ों पर चढ़कर और उतरकर नेटवर्क ढूंढना पड़ता है। जहां नेटवर्क मिलता है वे वहीं बैठकर पढ़ने लगते हैं। गांव में नेटवर्क नहीं आता इसलिए बच्चे मोबाइल फोन लेकर घने जंगल रास्ते नेटवर्क ढूंढने जाते हैं।
- नेटवर्क की समस्या
नेटवर्क की समस्या को हल कराने के लिए संबंधित कंपनी के अधिकारियों से कहा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। छात्र किशोर मेहरा, लक्षिता देव, इशिका देव, पार्थ मेहरा ने भी बताया कि नेटवर्क न होने पर उनकी ऑनलाइन पढ़ाई ठप हो गई है। सभी ने मोबाइल नेटवर्क की समस्या को हल करने की अपील की है।
- इनकम हुई बंद, खर्च बढ़ा…
दुंडू ताला चरमा और पिथौरागढ़ के मालन में 345 ऐसे छात्र हैं जो इंटरनेट नेटवर्क न आने की परेशानी से जूझ रहे हैं। उन्हें पढ़ाई के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है। बार-बार नेटवर्क की समस्या होती है तो क्लास डिस्टर्ब होती है। बच्चों को घर से बाहर दूर-दूर तक क्लास अटेंड करने जाना पड़ता है।
- दूसरों के घर जाकर करते हैं पढ़ाई…
पिथौरागढ़ के झूलागढ़ के रहने वाले कुछ छात्रों ने बताया कि उनका पूरा दिन दूसरों के घर में ही बीत जाता है। जिनके घरों में ब्रॉडबैंड लगा है वे उनके घर पढ़ाई के लिए जाते हैं। कुछ ने नेपाली सिम खरीदे हैं ताकि उन्हें वहां का नेटवर्क मिल सके। उन लोगों को इन सिम को रिचार्ज करवाने के लिए काफी रुपये खर्च करने पड़ते हैं।