
नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। कोरोना महामारी की लगातार बढ़ती लहर के केहर से बच पाना बड़ी चुनौती बनती जा रही है. जहाँ पहले पृथिवी पर जीवों का जीना दुसुवार हो रखा था, वहीँ अब पेट में पल रहे बच्चों का भी दम घोटने लगी है यह बीमारी। ऐसे ही तीन मामले पाए गए उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक अस्पताल में.
क्या है मामला ?
दरअसल, कानपुर के एक अस्पताल के डॉक्टर्स गर्भ में पल रहे बच्चों का सांस की कमी से खत्म हो जाना देख दंग रह गए. और ऐसा एक नहीं बल्कि अब तक तीन गर्भवती महिलाओं के साथ होता देखा गया है. डॉक्टर्स का कहना है कि, जो गर्भवती महिलाएं कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी उनके पेट में पल रहे बच्चे जन्म लेने से पहले ही खत्म हो गए थे. जिसका कारण महिलाओं में ऑक्सीजन की कमी का अनुमान लगाया जा रहा है.
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने एक बयान में कहा कि, पिछले वर्ष कई महिलाएं ऐसी आई थी जो कोविड पॉजिटिव थी लेकिन उनमे कोरोना का कोई लक्षण नहीं पता चल रहा था. हालांकि, इस बार जो महिलाएं कोरोना संक्रमित हैं उनमे मुख्यरूप से सांस लेने की समस्या का पता चला है. दुखद समाचार यह है कि, जिन गर्भवती महिलाओं में ऑक्सीजन लेवल की कमी दर्ज की जा रही है उनके गर्भ में पल रहे बच्चों की भी दम घुटने से मौत हो गई. मालूम हो कि, डिलीवरी के वक़्त पहले अजन्मे बच्चे ख़त्म हो गए और उसके बाद 3 प्रसूताओं की भी मौत हो गई.
डॉक्टर्स का सुझाया
कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि, प्रेग्नेंट वीमेन में ऑक्सीजन लेवल की कमी से गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो सकती है. यही नहीं, कुछ कह यह भी कहना है कि, माँ के कोरोना संक्रमित होने से सम्भावना है कि, उसके अजन्मे बच्चे भी कोविड पॉजिटिव हो सकते हैं. इससे निजात पाने के लिए डॉक्टर्स ने सलाह दी है कि, ऐसी महिलाओं का ज़्यादा से ज़्यादा कैल्शियम, प्रोटीन, ज़िंक और आयरन का अधिकमात्रा में सेवन करना चाहिए। जिनमे खासतौर से हरी सब्ज़ियाँ, दूध, फल और ड्राई फ्रूट्स शामिल हैं. इसके अलावा, बाज़ार से उन्ही दुकानों से फल या सब्ज़ी लें जिसके दुकानदारी कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालम न कर रहे हो. और सभी खाने की सामग्रियों को धोने के बाद अच्छे से पका कर ही इस्तेमाल में लाएं।