दिल्ली में प्रदूषण के चलते सांस संबंधी रोगियों की संख्या एकाएक बढ़ी

दिल्ली में प्रदूषण के चलते सांस संबंधी रोगियों की संख्या एकाएक बढ़ी

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। ‘प्रदूषण के चलते दिल्ली की आबोहवा एकदम खराब हो चुकी है। इसका सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव सांस संबधी रोगियों पर पड़ रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आईपीडी में रोगियों की संख्या 30 प्रतिशत और ओपीडी में रोगियों की संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है।’ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के जॉइंट सेक्रेटरी और बीजेपी चिकित्सा प्रकोष्ठ के सहप्रभारी डॉ. अनिल गोयल ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

 आईपीडी में 30 प्रतिशत, ओपीडी में 50 प्रतिशत बढ़े रोगी: डॉ. गोयल
  सुबह की सैर से बचें, मास्क का प्रयोग करें, स्कूल बंद हों

डॉ. अनिल गोयल ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते सांस लेना दूभर हो गया है। खासतौर पर सांस संबंधी रोगियों की हालत बहुत तेजी से बिगड़ रही है। इसके चलते लोगों को आंख से पानी आने, खांसी बढ़ने, अस्थमा अटैक, गले में खराश, फेफड़ों में घुटन और दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों पर तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। सभी अस्पतालों में ऐसे रोगियों की संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए लोगों को फिलहाल सुबह की सैर और एक्सरसाइज से बचना चाहिए। लोगों को एन-95 मास्क पहनकर बाहर निकलना चाहिए। स्कूलों को प्रदूषण कम होने तक बंद कर दिया जाना चाहिए।

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