Delhi riots: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थकों एवं इसका विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क (Delhi riots) हो गई थी जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 अन्य घायल हो गए थे.
दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग के लिए गए एक मैग्जीन से जुड़े तीन पत्रकारों के साथ भीड़ ने मारपीट की. पीड़ितों में एक महिला पत्रकार भी शामिल है.
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दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसे एक मैग्जीन से एक शिकायत मिली है कि भीड़ ने उसके तीन पत्रकारों के साथ मारपीट की. वहां वे फरवरी में हुए दंगों की रिपोर्टिंग के सिलसिले में गए थे.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (पूर्वी क्षेत्र) आलोक कुमार ने कहा कि हमें दोनों पक्षों (मैग्जीन और स्थानीय लोगों) की ओर से शिकायतें मिली हैं तथा हम उन पर गौर कर रहे हैं.
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कारवां मैग्जीन (The Caravan magazine) के हिंदी संस्करण के ट्विटर हैंडल ने बुधवार को सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ”कल दोपहर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुभाष मोहल्ले में पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने कारवां मैग्जीन के तीन पत्रकारों को रिपोर्टिंग करने से रोकने के उद्देश्य से उनके साथ मारपीट की, इनमें एक महिला भी है.
मैग्जीन ने आरोप लगाया कि भीड़ ने उनके साथ मारपीट की, जान से मारने की धमकी दी और सांप्रदायिक टिप्पणियां कीं. मैग्जीन ने कहा कि बाद में तीनों पत्रकारों को पुलिस ने बचाया और उन्हें पास के भजनपुरा पुलिस थाने ले गई.