नई दिल्ली, सचिन सिंह : 17 साल का अमन नाम का लड़का जिसकी दिमागी हालात ठीक नहीं है और 11 मार्च 2020 से निरंकारी कॉलोनी से लापता था जो की 20 मार्च 2020 को गाज़ियाबाद दिल्ली के एम. एम. जी (MMG) हॉस्पिटल में सही सलामत मिल गया है। 11 मार्च से 19 मार्च तक अमन के परिजनों ने उसे ढूंढने के लिए मुखर्जी नगर थानें में एफ आई आर (FIR) दर्ज करवाई और दिल्ली के 70 प्रतिशत इलाकों में ढूंढा। अमन के जानने वालों ने और उसके आस पास के लोगों ने भी अमन को ढूंढने के प्रयास किया और अमन की गुमशुदगी की सूचना फेसबुक और व्हाट्सएप्प के जरिये शेयर की और अमन का पता लगाने के लिए भरपूर प्रयास किया लेकिन वह नहीं मिला। परंतु आजादपुर के लोगों से पूछताछ और फ़ोटो दिखाने के बाद सूचना से पता चला की उसे आजादपुर में 3 से 4 बार देखा गया था। उसके बाद उसे आजादपुर में कई बार ढूंढा परंतु वह नहीं मिला। ऐसे ही उसे कई और इलाकों में देखा गया था परंतु ढूंढने पर भी वह नहीं मिला।
परिवार वाले काफी परेशान थे और उनके पास एक ही उम्मीद थी अमन के हाथ पर परमानेंटली मोबाइल नम्बर और एड्रेस लिखवाया हुआ था और ये ही उसका पता चलने का जरिया था। और दूसरी तरफ परिवार वालों को अमन की चिंता सता रही थी की वह किस हालात में होगा, क्या खा रहा होगा, कहां सो रहा होगा, तबीयत कैसी होगी उसकी। 20 मार्च 2020 को गाज़ियाबाद की चाइल्ड लाइन फाउंडेशन से कॉल आया और एम एम जी हॉस्पिटल में अमन को भर्ती करने की सूचना उसके परिवार वालों को दी। उसके बाद अमन के परिवार वाले उसे लेने गाज़ियाबाद के एम एम जी (MMG) हॉस्पिटल गए और कुछ नियमों का पालन करके और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और कुछ पूछताछ के बाद अमन को उसके परिवार वालों को दे दिया गया।
चाइल्ड लाइन फाउंडेशन से बातचीत से पता चला कि अमन को 5 दिन पहले एक दुकान के बाहर से उठाया गया था और वह काफी कमजोर हालात में था और काफी परेशान था। अमन पिछले 2 दिनों से दुकान के बाहर सो रहा था और तीसरे दिन दुकान के मालिक ने अमन पर गौर किया और चिल्डल लाइन हेल्पलाइन नंबर 1098 पर अमन की गुमशुदा हालात में पाए जाने की सूचना दी और उसके बाद अमन को एम एम जी हॉस्पिटल गाज़ियाबाद में भर्ती करवाया गया और उसकी 2 दिन अच्छे से देखभाल की और खाना खिलाया। जब अमन के कपड़ों को बदला जा रहा था जो कि काफी गंदे हो चुके थे तब अचानक चिल्डल लाइन में काम करने वाली एक महिला ने अमन के हाथ पर मोबाइल नंबर और एड्रेस देखा और इसकी सूचना डॉक्टर्स को दी। अगले दिन अमन के परिवार वालों को हॉस्पिटल से कॉल आया और अमन के परिवार वाले अमन को हॉस्पिटल से लेकर घर आए। अमन के परिवार वाले अब अमन को वापस घर में लाकर काफी खुश है और चाइल्ड लाइन वालों के शुक्र गुजार है।
अगर आप के परिवार में भी कोई अमन की तरह बच्चा है जो दिमागी रूप से ठीक नहीं है तो उसके हाथ पर परमानेंटली एड्रेस और फोन नम्बर जरूर लिखवाए और अगर आपका बच्चा बिल्कुल ठीक है तो उसे मोबाइल नंबर और एड्रेस जैसी महत्वपूर्ण जानकारी जरूर याद करवाये जिससे ऐसी मुसीबत की घड़ी में आपका बच्चा आपको वापस मिल जाये। हमारे देश में ना जाने कितने बच्चे गुमशुदा हो जाते है परिवार वालों तक नहीं पहुंच पाते जिसके बाद उन्हें किसी बच्चों के आश्रम में भर्ती करवाया जाता है और वह अपना पूरा जीवन उसकी आश्रम में बिताते हैं। इसलिए इस बात पर जरूर ध्यान दे क्योंकि क्या पता आप के बच्चों के साथ ऐसा हो जाये।