Modi speech live: भारत 14 अप्रैल तक बंद, केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान

Modi speech live: भारत 14 अप्रैल तक बंद, केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान

नरेंद्र मोदी एकबार फिर देश को संबोधित कर रहे हैं। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का संकल्प जो हमने लिया था उसकी सिद्धी के लिए भारत के लोगों ने योगदान दिया।

पीएम मोदी इससे पहले भी बीते गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित किए थे, जिसमें उन्होंने देश से रविवार को जनता कर्फ्यू लगाने की अपील की थी।पीएम मोदी के ऐलान पर लोगों ने इसे ना सिर्फ सफल बनाया, बल्कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर ही कोरोना संक्रमण के बीच आवश्यक सेवाओं सेवाओं में जुटे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ, पुलिस के जवान, सफाईकर्मियों सहित अन्य लोगों के प्रति ताली बजाकर आभार प्रकट किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम संबोधन के Live Updates:

— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि साथियों, ये भी ध्यान रखिए कि ऐसे समय में जाने-अनजाने कई बार अफवाहें भी फैलती हैं। मेरा आपसे आग्रह है कि किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास से बचें।

— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि इससे कोरोना से जुड़ी टेस्टिंग फेसिलिटीज, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स, Isolation Beds, ICU beds, ventilators, और अन्य जरूरी साधनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी।

— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि अब कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए, देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आज 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच, केंद्र और देशभर की राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही है। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए निरंतर कोशिश कर रही हैं।

— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि संकट की यह घड़ी गरीबों के लिए मुश्किलें लेकर आई है। गरीबों की मदद के लिए अनेकों लोग साथ आ रहे हैं।

— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि आप उन लोगों के लिए प्रार्थना करिए जो आपकी सोसायटी, आपके मोहल्लों, आपकी सड़कों, सार्वजनिक स्थानों को sanitize करने के काम में जुटे हैं, जिससे इस वायरस का नामो-निशान न रहे।

— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि उन डॉक्टर्स, उन नर्सेस, पैरा-मेडिकल स्टाफ, pathologists के बारे में सोचिए, जो इस महामारी से एक-एक जीवन को बचाने के लिए, दिन रात अस्पताल में काम कर रहे हैं।

— यह समय कदम-कदम पर संयम बरतने का है। आपको याद रखना है कि जान है तो जहान है।

>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि हमें भी ये मानकर चलना चाहिए कि हमारे सामने यही एक मार्ग है- हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए, घर में ही रहना है।

>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा किकोरोना से निपटने के लिए उम्मीद की किरण, उन देशों से मिले अनुभव हैं जो कोरोना को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाए।

>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि साथियों, यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली-ईरान जैसे देशों में जब कोरोना वायरस ने फैलना शुरू किया, तो हालात बेकाबू हो गए।

>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि आपको ये याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है, वो संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता। इसलिए ऐहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए।

>> निश्चित तौर पर इस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी। लेकिन एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की, सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

>> पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, कोरोना वायरस की संक्रमण सायकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है।

>> यह लॉकडाउन 21 दिनों के लिए होगा। यह 21 दिन देश के लिए बहुत जरूरी है। आप घर में ही रहें। यह बहुत जरूरी है।

>> देश को बचाने के लिए यह बहुत जरूरी है। आप देश में जहां हैं, वहीं रहें। देश में लॉकडाउन तीन सप्ताह का होगा। देश के लिए यह बहुत जरूरी है। यह जनता कर्फ्यू से भी शख्त होगा।

>> आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉक डाउन होने जा रहा है।

>> बीते दो दिनों में राज्य सरकारों ने लॉक डाउन किया गया।

>> कुछ लोगों की गलत सोच आपको और आपके बच्चों को आपके परिवार को आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी।

>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर देश के नाम दूसरे संबोधन में कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है।

>> दुनिया के समर्थ से समर्थ देश को इस महामारी ने विवस कर दिया है। कोरोना वायरस इती तेजी से फैल रहा है कि तमाम तैयारियों के बावजूद चुनोती बढ़ती जी रही है।

>> अब से कुछ ही देर में यानी रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के संक्रमण पर देश को संबोधित करेंगे।

>> पीएम नरेंद्र मोदी छह दिन में दूसरी बार को देश को संबोधित करने जा रहे हैं। इससे देश में जारी मेडिकल इमरजेंसी का अंदाजा लगाया जा सकता है।

पीएम मोदी के पिछले संबोधन के कुछ अंश:

>> देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक ज्यादा जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। हो सके तो ऑफिस का काम भी घर से ही करें।

>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई मुक्कमल उपाय नहीं मिला है न ही कोई टीका विकसित हुआ है। यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा, ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ मंत्र काम आ सकता है।

>> प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे, जितना की कोरोना वायरस से हुए हैं। पूरा विश्व संकट से गुजर रहा है और हमें सतर्क रहना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा, ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ मंत्र काम आ सकता है।

रविवार के बाद अब देश के सभी राज्यों ने सभी जिलों को लगभग पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया है। पंजाब, महाराष्ट्र समेत तीन राज्यों में कर्फ्यू लागू है। पीएम मोदी ने सोमवार को लॉकडाउन को लेकर नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वे नियमों और कानूनों का पालन करवाएं।

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