शोधार्थियों ने खोजीं 70 ऐसी दवाएं जो कोरोना के रोगियों के उपचार में हो सकती हैं उपयोगी

शोधार्थियों ने खोजीं 70 ऐसी दवाएं जो कोरोना के रोगियों के उपचार में हो सकती हैं उपयोगी

शोधार्थियों ने खोजीं 70 ऐसी दवाएं जो कोरोना के रोगियों के उपचार में हो सकती हैं उपयोगी
शोधार्थियों ने खोजीं 70 ऐसी दवाएं जो कोरोना के रोगियों के उपचार में हो सकती हैं उपयोगी

चिकित्सा शोधार्थियों की एक टीम ने बताया है कि करीब 70 दवाओं और प्रायोगिक मिश्रण कोरोना वायरस के उपचार में उपयोगी हो सकते हैं। इनमें से कुछ का इस्तेमाल पहले से ही दूसरे रोगों के उपचार के लिए किया जा रहा है। अब उनका इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज में भी किया जा सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि यह तरीका कोरोना वायरस के इलाज के लिए बिल्कुल नए सिरे से किसी दवा की खोज करने के मुकाबले ज्यादा कारगर होगा। बायो रेक्सीव नाम की वेबसाइट पर दवाओं की यह लिस्ट प्रकाशित की गई है। रिसर्चरों ने इस पेपर को एक जर्नल में प्रकाशित होने के लिए भेजा है। इस लिस्ट को बनाने के लिए रिसर्चरों ने कोरोना वायरस (जिसे सार्स-सीओवी-2 नाम से भी जाना जाता है) के एक असामान्य जीन का अध्ययन किया। फेफड़े की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए कोरोना वायरस को इनमें अपने जीन दाखिल करने पड़ते हैं, ऐसा यह कोशिका की अपनी आनुवांशिक बनावट को अपनाकर करता है। जिसके बाद कोशिका बड़ी संख्या में वायरल प्रोटीन का निर्माण करने लगती हैं, जिसका इस्तेमाल लाखों की संख्या में नए वायरस पैदा करने में होता है। लेकिन यह प्रक्रिया तभी जारी रह सकती है जब ऐसे सभी वायरल प्रोटीन, आवश्यक मानव प्रोटीन को रोक पाने में सक्षम रहें।

एक नई स्टडी में, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के 29 जीन में से 26 का पता लगा लिया है, जो सीधे वायरल प्रोटीन का उत्पादन करते हैं। इसके अलावा रिसर्चरों ने 332 ऐसे मानवीय प्रोटीन का पता भी लगा है, जिन्हें कोरोना वायरस शिकार बनाता है। कुछ वायरल प्रोटीन, केवल एक मानवीय प्रोटीन को शिकार बनाते समझ आते हैं। जबकि दूसरे वायरल प्रोटीन एक दर्जन मानव कोशिकीय प्रोटीन को शिकार बना पाने में सक्षम होते हैं। रिसर्चरों ने एक ऐसी दवा भी ईजाद कर ली है जो उस कोशिका की रक्षा कर सकती है, जिसे कोरोना वायरस शिकार बनाता है और जिसके जरिए वह फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके अलावा टीम ने इस लिस्ट में 24 ऐसी दवाओं को भी शामिल किया है, जिन्हें खाद्य एवं औषधि विभाग ने इससे बेहद अलग रोगों जैसे- कैंसर, पार्किंसन्स डिजीज और हाइपरटेंशन आदि रोगों के लिए अप्रूव किया है। इस रिसर्च के अलावा पेरिस में एक अलग रिसर्च में रिसर्चरों ने इस लिस्ट में मौजूद 22 अन्य मिश्रणों की टेस्टिंग जिंदा कोरोना वायरस (जिन्हें लैब ने खुद ही पैदा किया) पर रविवार की रात से ही शुरू कर दी है। हालांकि फिलहाल उन्हें नतीजों का इंतजार है।

http://l1e.d8f.myftpupload.com/corona-virus-live-shaheen-bagh-100-days-of-picketing-ends/

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