Nirbhaya Case: डेथ वारंट पर रोक लगाने फिर कोर्ट पहुंचे दोषी

Nirbhaya Case: डेथ वारंट पर रोक लगाने फिर कोर्ट पहुंचे दोषी

Nirbhaya Case
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सत्यकेतन समाचार: [ Nirbhaya case ] निर्भया के चारों गुनहगार एक बार फिर दिल्‍ली की अदालत पहुंच कर डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। इस बार निर्भया के चारों दोषियों ने दिल्‍ली की निचली अदालत पहुंच कर यह बताया है कि 20 मार्च को लगने वाली फांसी की के लिए जारी डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए, क्‍योंकि कई जगह उनके मामले पेंडिंग हैं। अपने लंबित मामलों के बारे में बताते हुए कहा कि दया याचिका और क्‍यूरेटिव पिटिशन दाखिल की गई है।

कहां किसका मामला लंबित

दोषी मुकेश

निर्भया के दोषियों में एक मुकेश ने हाई कोर्ट का रुख किया है। मुकेश के वकील ने अपनी ओर से दायर याचिका में कहा कि जिस दिन घटना हुई थी यानि 16 दिसंबर 2012 की रात वह घटना यहां मौजूद ही नहीं थी। यह मामला हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए डाला गया है जिस पर सुनवाई होनी है।

दोषी पवन

निर्भया (Nirbhaya case) के दोषियों में एक पवन गुप्‍ता भी है। इसने अपनी ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक क्‍यूरेटिव पिटिशन दाखिल किया है। इस याचिका में पवन के वकील ने दावा किया है कि दोषी अपराध के वक्‍त नाबालिग था। ऐसे में उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने का अनुरोध किया गया है।

दोषी अक्षय

अक्षय भी निर्भया के गुनहगारों में एक है। उसने राष्‍ट्रपति के पास एक बार फिर से दया याचिका भेजी है। इससे पहले उसकी एक दया याचिका खारिज हो चुकी है। इस बार उसने यह कहते हुए फाइल किया कि पिछले वाले में कई खामियां रह गई थी जिसके कारण इस बार फिर से दया याचिका ठीक कर भेजी गई हैं। इस बार की याचिका भी जेल प्रशासन द्वारा दिल्‍ली सरकार के मार्फत केंद्र सरकार के गृहमंत्रालय के पास भेजा जाएगा। जहां से गृहमंत्रालय उसे राष्‍ट्रपति के पास भेजेगा।

एक और मामले इंटरनेशनल कोर्ट में

इधर एक और मामला इंटरनेशनल कोर्ट में उठाया गया है। निर्भया के चार में से तीन दोषियों ने इसे मिलकर दाखिल किया है। इस मामले में हालांकि यह साफ नहीं है कि कैसे सुनवाई होगी।

कब है फांसी

निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर फांसी होगी। कोर्ट ने इससे पहले भी इनके डेथ वारंट पर रोक लग चुकी है। अब देखना यह होगा कि क्‍या इस बार भी ये कानूनी दांव-पेंच में उलझा कर डेथ वारंट पर रोक लगवा लेते हैं या उन्‍हें तय समय पर फांसी मिलेगी।

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