एबीपीपी राजनीति का एकमात्र नया विकल्प: सुनील शर्मा भारतीय

एबीपीपी राजनीति का एकमात्र नया विकल्प: सुनील शर्मा भारतीय

ABPP politics's only new option: Sunil Sharma Indian

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। दिल्ली में हिंसा पर नियंत्रण की बात हो या फिर देशभर में कोरोना वायरस की रोकथाम का मामला, केंद्र और राज्य सरकारें सभी मोर्चों पर या तो बेबस नज़र आईं या फिर इतनी देर से जागीं कि मामला हाथ से निकल गया। ये सरकारों की विफलता को दर्शाता है। ऐसे में अखिल भारतीय परिवार पार्टी (एबीपीपी) भारतीय राजनीति में एकमात्र नया विकल्प है। एबीपीपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुनील शर्मा भारतीय ने शुक्रवार को ये बातें कहीं।

  •  दिल्ली हिंसा नियंत्रित करने में बेबस रही केंद्र व राज्य सरकार

सुनील शर्मा भारतीय ने शुक्रवार को वाईएमसीए में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सबसे पहले दिल्ली हिंसा मामले में केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस एजेंसियों के इनपुट के बावजूद दोनों सरकारों ने इसे हल्के में ले लिया। अगर इसे गंभीरता से लिया गया होता तो शायद ये सब होता ही नहीं। इससे जाहिर होता है कि राजनीति के चलते दिल्ली में आग लगाई गई।

  •  कोरोना महामारी की रोकथाम में भी देरी से जागी केंद्र व राज्य सरकारें

वहीं कोरोना को लेकर भी उन्होंने केंद्र व राज्य सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चीन, जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई थी, वहां तो अब हालात पर काबू पा लिया गया है। लेकिन, इसके महीनों बाद अब भारत इसकी चपेट में है। ये सरकारों की लापरवाही और उदासीनता की मिसाल है कि उन्होंने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा पूरा देश भुगत रहा है।

वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल पारचा ने भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इन पार्टियों का मकसद अब जनसेवा न होकर सिर्फ स्वयंसेवा रह गया है। दिल्ली हिंसा और मध्य प्रदेश के नए राजनीतिक हालात इसका ताजा उदाहरण हैं। ऐसे में देश में अखिल भारतीय परिवार पार्टी राजनीति का एकमात्र नया विकल्प है। 2024 के लोकसभा चुनाव में एबीपीपी इसे साबित भी करेगी।

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