नागरिकता कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों के बीच जारी हिंसक झड़प को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा करना चाहिए। जज ने कहा कि आपके जाने से लोगों में विश्वास बढ़ेगा।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि हम देश में दूसरा 1984 नहीं होने दे सकते हैं।
इस मामले पर जस्टिस मुरलीधर सुनवाई कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर आश्चर्य व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से दिल्ली पुलिस कमिश्नर को विवादित बयान देने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर करने की सलाह देने के लिए भी कहा।
Delhi violence matter in Delhi High Court: Court said that the CM and Deputy CM should also visit the affected areas for confidence-building among people. This is the time to reach out. pic.twitter.com/DylAXS5PNx
— ANI (@ANI) February 26, 2020
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि बाहर के हालात बहुत ही खराब हैं। इसके अलावा, दिल्ली हिंसा मामले पर हाईकोर्ट में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का बयान भी सुनाया गया। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल, डीसीपी देव और सभी वकील मौजूद रहे।
हाईकोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, डीसीपी (अपराध) से कहा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का वीडियो क्लिप देखा है? बाद में उस क्लिप को अदालत कक्ष में चलाया गया।
वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल से कहा कि वे पुलिस आयुक्त से भाजपा के नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहें।