General Antonio Guterres का प्रस्ताव भारत ने ठुकरा दिया

General Antonio Guterres का प्रस्ताव भारत ने ठुकरा दिया

General Antonio Guterres
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सत्यकेतन समाचार : भारत ने यूएन प्रमुख महासचिव एंतोनियो गुतेरस (General Antonio Guterres) का प्रस्ताव ठुकराया। कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस (General Antonio Guterres) ने चिंता जताई है। उन्होंने दोनों देशों से संयम से तनाव कम करने का आग्रह किया है।

एंतोनियो संयुक्त (General Antonio Guterres) राष्ट्र के महासचिव बनने के बाद पहली बार पाकिस्तान आए हैं। रविवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि यूएन ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कई क़दम उठाए हैं।

यूएन महासचिव ने इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, ”हमने दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू कराने के लिए प्रस्ताव रखा है लेकिन यह तभी संभव होगा जब दोनों देश तैयार होंगे। शांति और स्थिरता केवल बातचीत के ज़रिए ही आ सकती है। दोनों देशों को इस मामले में संयम बरतने की ज़रूरत है। यूएन चार्टर और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत राजनयिक संवाद के ज़रिए ही शांति और स्थिरता तक पहुंचा जा सकता है। हम इस मामले में पहल करने के लिए तैयार हैं लेकिन दोनों देशों को इसके लिए सहमत होना होगा।

General Antonio Guterres
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भारत ने प्रस्ताव ठुकराया

भारत ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतेरस की पहल को ख़ारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ”भारत का रुख़ पहले की तरह ही है. इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, था और रहेगा। ज़रूरत उस कश्मीर पर बात करने की है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध और जबरन क़ब्ज़ा कर रखा है। अगर कोई और मुद्दा है तो द्विपक्षीय बात होगी। यहां किसी मध्यस्थ की ज़रूरत नहीं है।”

रवीश कुमार ने कहा, ”भारत को उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख पाकिस्तान पर सीमा पार से भारत में आतंकवाद फैलाने से रोकने पर दबाव ज़रूर डालेंगे।”

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने इसी प्रेस कॉनफ़्रेंस में कहा कि यूएन प्रमुख एंतोनियो गुतेरस (General Antonio Guterres) से कश्मीर को लेकर विस्तार से बात हुई।

क़ुरैशी ने कहा, ”पिछले साल पाँच अगस्त को भारत ने एकतरफ़ा कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर दिया था। इसका असर कश्मीर में अब तक है क्योंकि अब भी यहां जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया ह।” पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि पाँच अगस्त के बाद से भारत की ओर से युद्धविराम का उल्लंघन बढ़ा है।

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