North Korea: पीड़ितों पर अत्याचार कोरोना वायरस की मौत की सजा

North Korea: पीड़ितों पर अत्याचार कोरोना वायरस की मौत की सजा

Kim jong
Kim jong

अभिषेक सिसोदिया सत्यकेतन समाचार: उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग जिनके शासन के चर्चे पूरी दुनिया में जाने जाते है। जिनके शासन में उत्तर कोरिया में गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती, इनके शासन में गलती की सजा ज्यादातर मौत ही होती है। ऐसा ही कुछ सामने आया है रिपोर्ट के जरिये।

Corona virus
Corona virus

कोरोना  वायरस के संक्रमण को लेकर जहां पूरी दुनिया में इलाज ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं उत्तर कोरिया में वायरस से संक्रमित पीड़ितों पर अत्याचार किया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के शक में उत्तर कोरिया के एक अधिकारी को आइसोलेशन सेंटर में अलग रखा गया था, लेकिन इस अधिकारी ने गलती से सार्वजनिक बाथरूम इस्तेमाल कर लिया, जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। दक्षिण कोरिया के अखबार डोन्ग-ए-इलबो न्यूज के मुताबिक, इस शख्स को चीन से लौटकर आने के बाद बिल्कुल अलग जगह पर रखा गया था। अधिकारी के सार्वजनिक बाथरूम इस्तेमाल करने की वजह से उसे कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने और नियमों के उल्लंघन का दोषी करार दिया गया और गोली मार दी गयी। यूके मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक अन्य अधिकारी को भी चीन की यात्रा करने की बात छिपाने को लेकर देश से निकाल दिया गया।

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दक्षिण कोरिया की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस के कई मामले सामने आए हैं और इससे कई लोगों की मौतें होने की भी आशंका है हालांकि, प्योंगयांग में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अभी तक किसी भी मामले की सूचना नहीं मिली है। सेंटर फॉर द नेशनल इंट्रेस्ट में कोरियन स्टडीज के डायरेक्टर हैरी काजीनिस ने एक इंटरव्यू में बताया कि ऐसा हो ही नहीं सकता है कि उत्तर कोरिया कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी तरह बचा हुआ है। वे साफ तौर पर झूठ बोल रहे हैं क्योंकि वे अपनी कमजोरी को जाहिर नहीं करना चाहते हैं और ना ही अपनी सत्ता पर किसी तरह का खतरा आने देना चाहते हैं। किम जोंग उत्तर कोरिया और चीन के अवैध व्यापार पर जिस तरह से निर्भर है, उससे साफ है कि चीन से वायरस यहां आया ही होगा। प्योंगयांग की मीडिया का कहना है कि कोरोना के लक्षण दिखने पर लोगों को 30 दिन तक आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा। सभी सरकारी संस्थाओं और यहां रह रहे विदेशियों को इन नियमों को अनिवार्य तौर पर मानना होगा। पिछले सप्ताह, उत्तर कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी बॉम ने सरकारी मीडिया को बताया कि देश में कोरोना वायरस का अभी तक कोई केस नहीं आया है लेकिन अगर ये फैलता है तो वे इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। रॉयटर्स एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा, हमारे देश में कोरोना वायरस का कोई केस नहीं है, इसका मतलब ये नहीं है कि हम राहत की सांस लें। इस संक्रमण से बचाव के लिए जागरुकता फैलाने और कई कदम उठाने की जरूरत है।

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