दुनिया: अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अब ईरान ने अघोषित रूप से अमेरिका के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया है। शनिवार सुबह ईरान ने जामकरन मस्जिद के ऊपर लाल झंडा फहराकर युद्ध के लिए चेतावनी दे दी। इस तरीके के हालात में झंडा फहराना का मतलब होता है कि युद्ध के लिए तैयार रहें या युद्ध आरंभ हो चुका है।
कोम स्थित जानकरन मस्जिद के गुंबद पर आमतौर पर धार्मिक झंडे फहराए जाते हैं। ऐसे में धार्मिक झंडे को हटाकर लाल झंडा फहराने का मतलब युद्ध के एलान के रूप में लिया जा रहा है। क्योंकि लाल झंडे का मतलब दुख जताना नहीं होता है।
झंडा फहराकर ईरान अपने नागरिकों को युद्ध की स्थिति के लिए तैयार रहने को कह रहा है, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है। हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ईरान और इराक के बीच युद्ध के दौरान भी लाल झंडा नहीं फहराया गया था।
मस्जिद पर लाल झंडा फहराने का धार्मिक महत्व
दरअसल, हुसैन साहब ने कर्बला युद्ध के दौरान मस्जिद के ऊपर लाल झंडा फहराया था। लाल झंडे को खून और शहादत का प्रतीक माना जाता है। इसलिए ईरान द्वारा लाल झंडा फहराने को मारे गए कमांडर सुलेमानी के लिए बदले के तौर पर देखा जा रहा है। जामकरन मस्जिद को ईरान का सबसे पवित्र मस्जिद माना जाता है और यहां के युवाओं पर इसका काफी प्रभाव है।
ईरान सर्मथक धड़े ने इराकी सुरक्षा बलों को अमेरिकी बलों से दूर रहने को कहा
इराक में हशद अल शाबी सैन्य नेटवर्क का एक कट्टर ईरान समर्थक धड़ा काताएब हिजबुल्ला ने इराकी सुरक्षा बलों को सचेत किया है कि वे सैन्य ठिकानों में अमेरिकी बलों से दूर रहें।
समूह ने कहा कि हम देश में सुरक्षा बलों से कहते हैं कि वे रविवार को शाम पांच बजे से अमेरिकी ठिकानों से कम से कम 1000 मीटर दूरी पर रहें। समूह के यह बयान देने से पहले शनिवार को अमेरिकी दूतावास के निकट और अमेरिकी बलों की तैनाती वाले एक ठिकाने पर मोर्टार के गोले और रॉकेट दागे गए थे।
ईरानी कमांडर की चेतावनी, 35 अमेरिकी ठिकानों पर है नजर
ईरान की एलीट रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर अबुहमजेह ने अपने जनरल की मौत के बदले खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी सेना के लिए खतरे बढ़ने की चेतावनी दी। केरमन राज्य में अबुहमजेह ने कहा कि मध्यपूर्व (पश्चिम एशिया) में ईरान ने तेल अबीव समेत 35 अमेरिकी ठिकानों को चिह्नित किया है, जिन पर उनकी नजर है।
उन्होंने होरमुज की खाड़ी को पश्चिमी देशों के लिए अहम बिंदु बताते हुए इस क्षेत्र में हमलों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी। बता दें कि इसी खाड़ी से वैश्विक सप्लाई का एक तिहाई कच्चा तेल गुजरता है। साथ ही अमेरिकी युद्धपोत भी यहां से गुजरते हैं।