नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आमसभा आज एक बार फिर राजनीति और हंगामें की भेंट चढ़ गई। डेंगू पर चर्चा से बचने के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन में जमकर हंगामा किया। पार्षदों के अशोभनीय बर्ताव को देखते हुए महापौर ने ’’आप’’ पार्टी के सभी पार्षदों को 15 दिन के लिए सदन से निलंबित करने के आदेश दिये। कांग्रेस ने आप पार्टी के पार्षदों के रवैये की कड़ी निंदा की।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता एवं वरिष्ठ पार्षद श्री मुकेश गोयल ने कहा कि आज सदन में उनकी तरफ से डेंगू जैसे संवेदनशील मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा कराने की मांग की गई थी इस बाबत कांग्रेस की ओर से गत बैठक में शार्ट नोटिस भी लगाया गया था उसी नोटिस का हवाला देते हुए कांग्रेस ने यह मांग की। महापौर ने मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए इस विषय पर चर्चा कराने की स्वीकृति भी दे दी थी। महापौर की अनुमति से सदन में जैसे ही डेंगू पर चर्चा शुरू हुई सदन में मौजूद आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। महापौर ने इन पार्षदों को शांत कराते हुए उन्हें अपनी बात सदन में रखने का पूरा मौका दिया देने का आश्वासन दिया लेकिन ’’आप’’ पार्षदों ने उनकी एक नही सुनी और शोर – शराबा व हंगामा करते रहे। ’’आप’’ पार्षदों के अशोभनीय बर्ताव के कारण सदन में स्थिति बिगड़ती देख महापौर को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
श्री मुकेश गोयल ने कहा कि सदन में गत कई बैठकों से देखने में आया है कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों की मंशा जनहित से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से न लें सिर्फ शोर – शराबा व हंगामा कर सदन का समय बर्बाद करने की रहती है। उन्होंने कहा कि सदन की गत बैठक में भी डेंगू पर चर्चा की जानी थी। चर्चा शुरू होने पर नेता विपक्ष ने अपनी बात रखते हुए विषय को भटका दिया था जब महापौर और अन्य पार्षदो ने इस पर ऐतराज जताया तो ’’आप’’ पार्षदो ने हंगामा मचा दिया और बैठक स्थगित करने पर महापौर को मजबूर किया।
श्री गोयल ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में डेंगू को 80 प्रतिशत खत्म करने का श्रेय दिल्ली सरकार को देते हुए वाहवाही लूट रहें हैं और करोड़ों रूपये समाचार पत्रों में अपने विज्ञापनों पर खर्च कर रहें हैं वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के पार्षद निगम में डेंगू पर चर्चा करने से भागते फिर रहें हैं। यह उनकी दोहरी मानसिकता को दर्शाता है।
श्री मुकेश गोयल ने कहा कि सदन में जनहित से जुड़े मुद्दे पर चर्चा होने से सत्तापक्ष को श्रेय मिलने के साथ – साथ खामियां उजागर होने पर आलोचना भी सहनी पड़ती है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और नगर निगम में भाजपा काबिज है डेंगू पर इन पार्टियों के नेताओं में श्रेय लेने की होड़ लगी है जब कि जमीनी हकीकत कुछ और है निगम सदन में चर्चा होती तो केजरीवाल सरकार और निगम सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं की खामियां उजागर होती। यही कारण है कि सदन में भाजपा और ’’आप’’ पार्टी के पार्षद में नूरा – कुश्ती कर सदन का समय बर्बाद करते हैं। यह लोकतंत्र व जनहित में नहीं है।