
राष्ट्र में कोरोना महामारी के साथ साथ म्यूकोरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस भी तेज़ी से अपना कहर बरपा रहा है. राजधानी की बात करें तो, यहाँ ब्लैक फंगस के अब तक कुल 1044 मामले देखे जा चुके हैं. जिनमे फ़िलहाल 963 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं. दिल्ली में अभी तक ब्लैक फंगस से करीब 82 मरीज़ों की मौत हो गई और लगभग 92 संक्रमित इलाज करा कर डिस्चार्ज हो गए.
म्यूकोरमाइकोसिस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनज़र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सूचना देते हुए कहा कि, ब्लैक फंगस के करीब 650 केस दिल्ली सरकार के अस्पतालों में हैं. लेकिन अभी ब्लैक फंगस के मरीज़ों का इलाज करने के लिए ज़रूरी इंजेक्शंस और वैक्सीन्स की काफ़ी कमी है. हालांकि, शनिवार को दिल्ली के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीज़ों के लिए करीब एक हजार इंजेक्शन पहुँचाये गए थे. सूत्रों के अनुसार, दिल्ली सरकार लगातार राजधानी में कोरोना वायरस के साथ ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर रोकथाम पर विचार कर रहे हैं.
बता दें, ब्लैक फंगस एक किस्म की infectious डिजीज है जो इंसान के ऊपरी भाग को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है. जिनमे मुख्यरूप से आँखों का लाल होना, सर दर्द होना, सांस लेने में कठिनाई, खून की उल्टी होना, दिमागी तकलीफे, खांसी, आदि जैसे लक्षण शामिल होते हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि, ब्लैक फंगस कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को आसानी से अपना शिकार बना रहा है. यही नहीं, एक ही मास्क का लम्बे वक़्त तक इस्तेमाल करना भी ब्लैक फंगस को दावत जैसा ही माना जा रहा है.